Yogi Adityanath Story: आज 5 जून को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन (Yogi Adityanath's Birthday) है. हालांकि, संन्यास लेने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ अपना जन्मदिन नहीं मनाते हैं. इसके बावजूद सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. लेकिन क्या आपको पता योगी आदित्यनाथ के संन्यास लेने की कहानी क्या है? वह गोरखपुर मठ के महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में कैसे आए और उन्होंने सांसारिक दुनिया छोड़कर संन्यास लेने का फैसला क्यों और किससे प्रभावित होकर लिया? योगी आदित्यनाथ जब घर से निकले थे तो उनकी मां ने क्या सोचा था. आइए योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर उनके जीवन से जुड़ी इस पूरी कहानी के बारे में जानते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

महंत अवैद्यनाथ से योगी की पहली मुलाकात


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ अपने स्कूल के दिनों से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े थे. शायद इसी वजह से शुरुआत से ही उनका झुकाव हिंदुत्व की तरफ रहा है. वे कम उम्र से ही वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते थे. एक बार जब वे एबीवीपी के कार्यक्रम में मौजूद थे, उसमें गोरखपुर मठ के महंत अवैद्यनाथ को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. उस प्रोग्राम में देशभर के तमाम स्टूडेंट्स ने अपनी बात रखी, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात कहना शुरू किया तो सभी उनकी प्रशंसा करने लगे. योगी आदित्यनाथ को सुन महंत अवैद्यनाथ भी प्रभावित हुए.


गोरखपुर क्यों गए योगी आदित्यनाथ?


इसके बाद महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को बुलाया और उनसे उनका परिचय पूछा. योगी आदित्यनाथ से उन्होंने पूछा कि कहां के रहने वाले हो तो योगी आदित्यनाथ ने बताया कि वे उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले हैं. तब महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ से कहा कि कभी समय मिले तो मिलने जरूर आना. जान लें कि महंत अवैद्यनाथ भी उत्तराखंड के रहने वाले थे. बताया जाता है कि उनका गांव योगी आदित्यनाथ के घर से लगभग 10 किलोमीटर दूर था. योगी आदित्यनाथ भी महंत अवैद्यनाथ से मुलाकात के बाद उनसे बहुत प्रभावित हुए थे. फिर योगी आदित्यनाथ, महंत अवैद्यनाथ से मिलने गोरखपुर भी गए. हालांकि, कुछ दिन बाद योगी आदित्यनाथ वापस अपने गांव लौट गए.


योगी आदित्यनाथ ने किया ये वादा


वापस घर आकर योगी आदित्यनाथ ने ऋषिकेश के ललित मोहन शर्मा कॉलेज से एमएससी की पढ़ाई शुरू कर दी लेकिन उनका मन गोरखपुर में ही रखा रहता था. फिर अचानक मंहत अवैद्यनाथ बीमार हो गए. तब योगी आदित्यनाथ उनका हालचाल लेने पहुंचे. तब महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ से कहा कि मैं रामजन्म भूमि के लिए लड़ाई लड़ रहा हूं. अगर मुझे कुछ हो गया तो इसे आगे कौन देखेगा. तब योगी आदित्यनाथ ने उनसे कहा था कि आप टेंशन मत लीजिए आपको कुछ भी नहीं होगा. जल्द ही मैं गोरखपुर आऊंगा. फिर साल 1992 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर चले गए और उनकी मां ये सोचती रहीं कि बेटा शायद नौकरी के लिए गया है. हालांकि, बाद में वहां योगी आदित्यनाथ ने संन्यास ग्रहण कर लिया.


जरूरी खबरें


क्या बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ केस वापस लिया गया? पीड़िता के पिता ने दिया ये बयान
लोको पायलट की गलती नहीं... अब इस ऐंगल से होगी बालासोर हादसे की जांच