DNA Himanta Biswa Sarma Interview with Zee News: हमने कुछ दिन पहले आपको बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर होने वाले हमलों से जुड़ी रिपोर्ट के बारे में बताया था. यह भी बताया था कि बांग्लादेश में हिंदुओं को चुन चुनकर टारगेट किया जा रहा है. लेकिन आज हम आपको हिंदुस्तान की ही एक ऐसी खबर दिखाने जा रहे हैं, जो आप को हैरान कर देगी.


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क्या आपको मालूम है कि हमारे देश में कुछ इलाके 'मिनी बांग्लादेश' कहे जाने लगे हैं. ये वो इलाके हैं जहां बड़े पैमाने पर अवैध बांग्लादेशी रहते हैं. ये अवैध घुसपैठिए दीमक की तरह धीरे धीरे, कई हिंदू मंदिरों की जमीनों पर कब्जा कर चुके हैं. आज हम आपको असम के बारपेटा लेकर चलेंगे. जहां कई हिंदू मंदिरों की जमीनों पर अवैध घुसपैठियों का कब्जा है और इन इलाकों में हिंदू परिवारों का जाना खतरे से खाली नहीं है.


ये मंदिर, हिंदू वैष्णव समुदाय का एक उपासना स्थल है. असम में इन उपासना स्थलों को सत्र कहा जाता है. बड़े पैमाने पर सत्र की जमीनें, अवैध घुसपैठियों की कब्जे में है. कुछ वर्ष पहले तक मंदिर और उसकी जमीनों के आसपास हिंदू समुदाय रहा करता था. लेकिन बांग्लादेश मुस्लिमों की घुसपैठ ने हिंदुओं को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया. आज मंदिर के आसपास हिंदुओं से ज्यादा आबादी बांग्लादेशी मुस्लिमों की है.


बांग्लादेशी घुसपैठियों ने कब्जा कर ली जमीनें


वहीं रहने वाले प्रभात दास उन लोगों में से एक है, जो अपने मंदिर को बचाने के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों तक से भिड़ गए थे. लेकिन बांग्लादेशी घुसपैठियों ने इनको और इनके परिवार को बहुत प्रताड़ित किया. जब बांग्लादेशी घुसपैठियों का अत्याचार बढ़ गया, तब इन्होंने भी घर बार छोड़ दिया. उनका कहना है, मुसलमानों ने अत्याचार किया...बहन को उठा ले गए...रेप किया...घर छोड़ दिया.


असम में ये सत्र यानी हिंदू मंदिर, आस्था के बड़े केंद्र हैं. इसीलिए अवैध बांग्लादेशी मुस्लिमों के निशाने पर इनकी जमीनें रही हैं. जो हिंदू इन क्षेत्रों रहते हैं, वो भी इस बात से परेशान हैं कि इतने बड़े पैमाने पर मुस्लिम अचानक यहां कैसे बस रहे हैं.


'हमारी सरकार लोगों को उनकी जमीन पर बसाना चाहती है'


हिमंता बिस्वा सरमा सरकार, अवैध घुसपैठियो और अवैध कब्जों को लेकर सख्त है. विधानसभा में बिल पास करवाकर, हिमंता ने बारपेटा, बोरदोआ और माजुसी सत्र के 5 किलोमीटर के दायरे में बाहरी व्यक्ति के जमीन खरीदने पर रोक लगा दी है. हिमंता के इस एक्शन को लेकर हमने मंदिर के के आसपास रहने मिया मुस्लिमों से बात की. हमने ये जानने की कोशिश की, अवैध कब्जे को लेकर उनके क्या विचार हैं.


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हिमंता सरकार हर कीमत पर मंदिरों की जमीन बचाना चाहती है. और इसी के साथ साथ, अवैध बांग्लादेशियों के डर से घर-बार छोड़कर जा चुके हिंदुओं को  वापस उनकी जमीन पर बसाना चाहती है. इसके लिए बुलडोजर एक्शन सरकार की पहली प्राथमिकता बनी हुई है. हिमंता का ये एक्शन राजनीति की वजह भी बना हुआ है.


'हम असम में हिंदुओं को अल्पसंख्यक नहीं बनने देंगे'


असम में अवैध घुसपैठियों पर गुस्से में दिख रहे सीएम हिमंता से आज मैंने आमने-सामने की बातचीत की. हमने हिमंता से जानना चाहा कि आखिर वो क्या वजह है, जिससे वो अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर इतनी सख्ती दिखा रहे हैं. इसके अलावा हमने मिया मुस्लिमों को लेकर उनके बदले तेवर पर भी सवाल जवाब किए.


सीएम हिमंता ने कहा कि असम में मियां मुस्लिम कोई अपमानजनक नहीं बल्कि सम्मान का शब्द है. यह असेंबली में पारित हुआ शब्द है. अगर वे इस पर आपत्ति करेंगे तो वे यह शब्द कहना बंद कर देंगे. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हिंदू- मुस्लिम समेत किसी भी समुदाय में भेदभाव नहीं करती है. लेकिन सच ये है कि असम के मूल निवासी हिंदुओं को उनकी ही जमीन पर धीरे- धीरे अल्पसंख्यक बनाया जा रहा है, जिसे वे नहीं होने देंगे.


गैर-कानूनी मदरसों पर चलती रहेगी कार्रवाई- हिमंता


मदरसों पर कार्रवाई का समर्थन करते हुए हिमंता ने कहा कि यह मु्सलिमों का उत्पीड़न नहीं बल्कि उनके हक की लड़ाई है. आखिर मुसलमान कब तक कट्टरपंथियों के चंगुल में फंसकर अपनी जिंदगी यूं ही खराब करते रहेंगे. उन्हें इंजीनियर, डॉक्टर बनने का अधिकार क्यों नहीं है. हिमंता ने कहा कि गैर- कानूनी मदरसों पर सरकार कार्रवाई करती रहेगी.


अखिलेश यादव के विवादित बयान कि सीएम हिमंता योगी के चाइनीज वर्जन हैं. इस पर बोलते हुए हिमंता ने कहा कि सीएम योगी बड़े नेता हैं. वे यूपी में बढ़िया काम कर रहे हैं. उसी तरह हम भी असम की समस्याओं को सुलझाने में लगे हैं. जब तक लोगों को उनका हक नहीं मिल जाएगा, तब तक उनका यह अभियान जारी रहेगा.