Zee News Exclusive Interview on Khalistani Movement: विदेशों में खालिस्तानी अलगाववादियों के हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कोई और नहीं बल्कि भारत में ही बैठा एक सांसद है. जो सुनियोजित तरीके से देश को तोड़ने की साजिश में जुटा हुआ है.
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Zee News Exclusive Interview on Simranjit Singh Mann: आप लगातार बीते कई वर्षों से देख रहे हैं कि अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन में स्थित भारतीय उच्चायोगों पर लगातार ना सिर्फ भारत के खिलाफ खालिस्तानी तत्व प्रदर्शन कर रहे हैं बल्कि लगातार भारत का अपमान भी कर रहे हैं. बीते कुछ दिनों पहले ही खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की गिरफ्तारी के समय ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग पर ना सिर्फ भारत के विरोध में खालिस्तानियों ने विरोध प्रदर्शन किया बल्कि भारतीय तिरंगे का अपमान किया.
ज़ी न्यूज का एक्सक्लूसिव खुलासा
अब Zee News ने ऐसा खुलासा किया है, जो इन अलगाववादी ताकतों को पूरी तरह बेपर्दा कर देगा. असल में विदेशों में भारतीय उच्चायोगों पर प्रदर्शन और भारत के अपमान की पटकथा सात समंदर पार से नहीं बल्कि भारत से ही लिखी जा रही है. इस सबके पीछे एक भारतीय सांसद और उसका बिकाऊ पत्र है.
सिमरनजीत सिंह मान चला रहा खालिस्तानी आंदोलन
हम बात कर रहे हैं पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट से सांसद सिमरनजीत सिंह मान (Simranjit Singh Mann) की. अपने इस कबूलनामे को खुद सिमरनजीत सिंह मान ने कबूल किया है. मान ने साफ तौर पर कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर पश्चिमी देशों में राजनैतिक शरण लेना चाहता है तो सिमरनजीत सिंह मान के पत्र के जरिए उसे शरण मिल जाती है, जिसमें वो लिखता है कि भारत में सिखों का उत्पीड़न हो रहा है. जब सिमरनजीत सिंह मान के पत्र के आधार पर उस व्यक्ति को शरण मिल जाती है, तब वो शरण लिया हुआ व्यक्ति अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा स्थित भारतीय दूतावासों पर भारत के खिलाफ प्रदर्शन करता है.
यहां खेल पैसे का भी चल रहा है वो भी कई वर्षों से. FOR THE NINTH CIRCUIT में रुपिंदर सिंह नाम के व्यक्ति की राजनैतिक शरण की याचिका पर सुनवाई का है. यह याचिका दाखिल हुई थी अगस्त 2022 में. Zee News के पास मौजूद इस मामले में रुपिंदर की मां ने Affidavit में बताया है कि रुपिंदर सिंह नाम के व्यक्ति को वर्ष 2018 से भारत की पुलिस ढूढं रही है क्योंकि पुलिस को शक है कि यह आदमी पाकिस्तान से सैन्य ट्रेनिंग लेकर आया है.
पैसे लेकर खालिस्तानी समर्थकों को जारी करता है चिट्ठी
साथ ही कोर्ट की इस कार्यवाही में लिखा है कि रुपिंदर सिंह नाम का यह व्यक्ति खालिस्तान का समर्थक है और अलग खालिस्तान राज्य चाहता है. अब इतना तो आप भी समझते हैं कि पाकिस्तान से कथित रूप से सैन्य ट्रेनिंग लेकर आने वाला खालिस्तान समर्थक देश के लिए कितना बड़ा खतरा होगा.
ऐसे में रुपिंदर को अमेरिका में राजनैतिक मिल जाए, इसके लिए उसने सांसद सिमरनजीत सिंह मान की पार्टी से मिला एक पत्र लगाया है, जिसमें बताया जा रहा है कि कथित रूप से पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर आने वाला यह खालिस्तानी समर्थक मान की पार्टी का सदस्य है.
अब आप दूसरा मामला देखिए. ऐसी ही एक याचिका अमरदीप सिंह नाम के व्यक्ति ने लगाई है. वह भी अमेरिका में राजनैतिक शरण चाहता है. अदालत में अमरदीप के राजनैतिक शरण के लिए पेश चिट्ठियों में एक चिट्ठी सिमरनजीत सिंह मान" की है, जिसमें अदालत की कार्यवाही के मुताबिक अमरदीप की राजनैतिक शरण की याचिका के समर्थन में लिखा है कि भारत मे "सिखों पर अत्याचार हो रहा है.
DNA : 'मैं खालिस्तानियों को विदेश भिजवाता हूं'#DNA #KhalistaniSaazish । @irohitr @shivank_8mishra pic.twitter.com/DRfifcyirv
— Zee News (@ZeeNews) April 4, 2023
चिट्ठियों में भारत पर लगाए जाते हैं उत्पीड़न के आरोप
यह सिर्फ 2 ही मामले नहीं हैं, जहां सिमरनजीत सिंह मान (Simranjit Singh Mann) या उसकी पार्टी ने अमेरिका में राजनैतिक शरण के लिए किसी व्यक्ति को चिट्ठी दी हो. ज़ी न्यूज के पास ऐसी ही 5 याचिकाओ की और जानकारी है, जिमें सिमरनजीत सिंह मान या उसकी पार्टी की ओर से दी गई चिट्ठियों को आधार बना कर राजनैतिक शरण मांगी गई है.
मजे की बात ये है कि राजनैतिक शरण दिलवाने के नाम पर यह चिट्ठियां फ्री में नहीं दी जा रही हैं. सिमरनजीत सिंह मान पर आरोप है कि वो और उसकी पार्टी इन चिठ्ठियों के लिए लाखों रुपये वासूलती है. यह आरोप सिमरनजीत सिंह मान की पार्टी के पूर्व पदाधिकारी के हैं. हालांकि यह व्यक्ति सिमरनजीत सिंह मान (Simranjit Singh Mann) और खालिस्तानियों के डर की वजह से अपनी पहचान नहीं जगजाहिर करना चाहता था.
CASH FOR LETTER कांड पर सिमरनजीत सिंह मान की सफाई ये है कि जो भी पैसा आता है, वो पार्टी के खाते में जाता है उसके निजी खाते में नहीं और इसका प्रयोग पार्टी चुनाव लड़ने के लिए करती है. यानी पैसे लेकर लिखे पत्रों में भारत को गाली देकर, उससे इकट्ठा हुए पैसों से भारत के ही लोकतंत्र में भाग लेती है.
चिट्ठी की भाषा पढ़कर गुस्से से भड़क जाएंगे आप
पहला पत्र दिवेन्दरजीत सिंह नाम के व्यक्ति के लिए सिमरनजीत सिंह मान (Simranjit Singh Mann) की पार्टी के आधिकारिक Letter पैड पर लिखा गया है जिस पर हस्ताक्षर सिमरनजीत सिंह मान के सहयोगी और राजनैतिक एवं मीडिया सलाहकार इकबाल सिंह तिवानिया के हैं. इस पत्र में मान की पार्टी लिखती है, 'अमेरिका में रहने वाला यह व्यक्ति 2012 में मान की पार्टी से जुड़ा हुआ है और कई बार इसने खालिस्तान के समर्थन में कार्यक्रमों में भारत मे हिस्सा लिया था. जिसकी वजह से भारत की पुलिस इसे और इसके परेशान कर रही थी. इसी के चलते यह व्यक्ति भारत छोड़ कर गया था. ऐसे में क्योंकि भारत मे मान की पार्टी के लोगो को फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मारा जा रहा है और जेल में बंद किया जा रहा है ऐसे में दिवेन्दरजीत को अगर वापस भारत भेजा जाता है तो उसकी हत्या भी की जा सकती है जैसा कि पार्टी के अन्य लोगो की गई, साथ ही सरकार इस पर कार्रवाई भी कर सकती है. ऐसे में इस व्यक्ति को UN CHARTER के द्वारा अमेरिका में ही राजनैतिक शरण दी जाए.'
Zee News के इस Super Exclusive खुलासे पर दशकों से खालिस्तान के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले और खुद खालिस्तानी हमले का शिकार मनजिंदर सिंह बिट्टा ने पूरे मामले की CBI जांच की मांग की है क्योंकि भारत के खिलाफ देश मे बैठ कर पत्र और भारतीय उच्चायोगों में प्रदर्शन की पटकथा भारत की एक राजनैतिक पार्टी और उसका सांसद कर रहा है.
कनाडा को खालिस्तानियों ने बना लिया है अपना गढ़
Canada के Immigration and Refugee Board के आंकड़ों के मुताबिक बीते 10 वर्षो में Canada की सरकार से 14 हज़ार 302 भारतीयों ने भारत में उनके ऊपर अत्याचार को कारण बता कर शरण मांगी थी, जिसमें कनाडा की सरकार ने 3 हज़ार 469 को शरण दी थी, जबकि 3 हजार 797 की शरणार्थी याचिका अस्वीकार कर दी थी. वहीं 6 हज़ार 615 की याचिका अभी भी पेंडिंग है. भारत के ऊपर आरोप लगा कर विदेशों में शरणार्थी बनने का ट्रेंड बीते कुछ वर्षों में किस तरह से लगातार बढ़ रहा है. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि Canada में भारत मे अत्याचार को कारण बता कर शरण मांगने वाले वर्ष 2013 में मात्र 230 भारतीय नागरिक थे जो आज 10 वर्षो में 14 हज़ार से ज्यादा हो चुके हैं.
विदेशी मामलों के विशेषज्ञों की मानें तो सिमरनजीत सिंह मान और उसकी पार्टी के बाकी साथी शरण के लिए Cash for Letter और इन शरणार्थियों को विदेश में भेज कर भारत के खिलाफ प्रदर्शन इसीलिए करवा पा रहे हैं क्योंकि पश्चिमी देशों के कानून उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाने वालों पर नरम हैं लेकिन Zee News के खुलासे के बाद, अब पश्चिमी देशों के सरकारी वकील और जज दोनो सजग होकर ऐसे मामलों पर फैसला देंगे.
ज़ी न्यूज के खुलासे से हड़कंप
अब इस विश्लेषण के बाद हम उम्मीद करते हैं कि ना सिर्फ भारत की सुरक्षा एजेंसियां Zee News पर दिखाई गई इस पूरी खालिस्तानी Modus Operandi पर सख्त कार्रवाई करेंगी बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा जहाँ भी पैसे देकर भारत विरोधी चिट्ठी खरीदने वाले ये खालिस्तानी तत्व शरण लिए होंगे उन्हें भी वहां की सरकारें अपने देश से बाहर करेंगी. साथ ही भारत विरोधी चिट्ठियों की भी यह पटकथा बन्द होगी.
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