नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए (EWS reservations) केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण को मंजूरी दे दी गई है. EWS कोटे के लिए देश के सभी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में करीब 2 लाख से ज्यादा सीटें बढ़ाई जाने वाली हैं. इस वर्ग के छात्रों को 158 केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिलेगा. मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ इसको लेकर पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं.


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EWS आरक्षण को लागू करने के लिए सरकार ने करीब 4300 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इस फंड से केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में ज्यादा छात्रों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा. इसके अलावा करीब 4000 शिक्षकों की भी भर्ती की जाएगी.


आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों को पिछली तारीख से आरक्षण की मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी


एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट ने कुल 214766 सीटों को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. जानकारी के मुताबिक, 2019-20 शैक्षणिक सत्र में ही 119983 सीटें बढ़ाई जाएंगी. बाकी 95783 सीटों शैक्षणिक सत्र 2020-21 में बढ़ाई जाएंगी.



कैबिनेट की बैठक में इस बात का निर्देश दिया गया है कि आरक्षण की वजह से ओबीसी, एससी और एसटी आरक्षण में किसी तरह का बदलाव न हो. मतलब, वर्तमान में आरक्षण के तहत जितनी सीटें मिल रही हैं, उसमें किसी तरह की कटौती न हो. बता दें, संविधान में 103वें संशोधन के तहत EWS (इकोनॉमिक वीकर सेक्शन) कैटेगरी के लिए 10 फीसदी का आरक्षण दिया गया है. राज्यसभा में संविधान संशोधन विधेयक को 9 जनवरी को मंजूरी दी गई थी.