नेत्रहीन होने के बावजूद सम्यक ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में हासिल की 7वीं रैंक
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नेत्रहीन होने के बावजूद सम्यक ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में हासिल की 7वीं रैंक

IAS Success Story: सम्यक ने अपना पहला अटेंप्ट साल 2020 में दिया था, जिसमें वह असफल रहे थे. हालांकि, उन्होंने मेहनत करना नहीं छोड़ा और अपने निरंतर प्रयास की बदौलत दूसरे ही अटेंप्ट में यूपीएससी की परीक्षा पास कर डाली. साथ ही उन्होंने इस परीक्षा में सिंगल डिजिट रैंक भी हासिल की है.

नेत्रहीन होने के बावजूद सम्यक ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में हासिल की 7वीं रैंक

नई दिल्ली: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2021 के परिणाम जारी कर दिए गए हैं. इस साल 685 अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में सफलता प्राप्त की है. इन्हीं अभ्यर्थियों में से दिल्ली के रोहिणी इलाके के रहने वाले सम्यक एस जैन ने इस परीक्षा में 7वीं रैंक हासिल की है. हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि सम्यक नेत्रहीन हैं, जिसके बावजूद उन्होंने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा अपने दूसरे अटेंप्ट में ही क्लियर कर डाली है.    

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सम्यक ने बताया कि वे अपने रिजल्ट को देखकर बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि वह कभी सोच भी नहीं सकते थे की उनकी रैंक सिंगल डिजिट में आएगी. उनके लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है. उन्होंने आगे कहा कि वे अपने परिणाम को देखकर इतने खुश हैं कि वे अपनी भावनाएं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते.     

सम्यक दिल्ली के रोहिणी में रहते हैं. अगर बात करें उनके एजुकेशनल बैकग्राउंड की तो उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के एसओएल से इंग्लिश ऑनर्स में ग्रेजुएशन की है. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) से इंग्लिश जर्नलिज्म में डिप्लोमा किया. इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से  इंटरनेशनल रिलेशन में एमए की डिग्री हासिल की.

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बता दें कि सम्यक ने अपना पहला अटेंप्ट साल 2020 में दिया था, जिसमें वह असफल रहे थे. हालांकि, उन्होंने मेहनत करना नहीं छोड़ा और अपने निरंतर प्रयास की बदौलत दूसरे ही अटेंप्ट में यूपीएससी की परीक्षा पास कर डाली. साथ ही उन्होंने इस परीक्षा में सिंगल डिजिट रैंक भी हासिल की है. 

सम्यक बताते है कि यूपीएससी का सफर इतना आसान नहीं था, वे पीडब्ल्यूडी कैटेगरी से आते हैं क्योंकि वे नेत्रहीन हैं. उन्होंने परीक्षा लिखने के लिए राइटर की मदद ली थी. उन्होंने बताया कि प्रीलिम्स परीक्षा में मेरी मां ने मेरा पेपर लिखा था. वहीं मेंस की परीक्षा में मेरी एक दोस्त ने राइटर के तौर पर मेरा पेपर लिखा था. 

उन्होंने आगे कहा कि इस सफर में मेरी मां ने मेरा सबसे ज्यादा साथ निभाया है. इसके अलावा मेरे दोस्तों ने भी मेरी बहुत मदद की है. पढ़ाई करने के लिए मुझे किताबें डिजिटल फॉर्मेट में चाहिए होती थी. ऐसे में मेरे दोस्तों ने मेरे लिए सभी जरूरत की किताबें अरेंज की थी. मैं अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पूरे परिवार, माता- पिता और अपने दोस्तों को देना चाहूंगा क्योंकि इनके सपोर्ट के बिना शायद मैं यह मुकाम हासिल नहीं कर पाता.   

बता दें कि सम्यक ने अपनी यूपीएससी की तैयारी साल 2020 के मार्च महीने में शुरू की थी. जब कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लग गया था. उस वक्त उन्होंने यह सोचा कि कॉलेज भी बंद हैं, यह यूपीएससी की तैयारी करने के लिए सबसे सही समय है. कॉलेज की पढ़ाई ऑनलाइन होने के कारण सम्यक को यूपीएससी की पढ़ाई के लिए काफी समय मिल गया था. सम्यक रोजाना 7 से 8 घंटे परीक्षा की तैयारी किया करते थे. परीक्षा की निरंतर तैयारी के कारण ही उन्होंने आज पूरे देश में 7वां रैंक हासिल किया है.

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