भारतीय घरों में एल्यूमिनियम के बर्तन कुकिंग के लिए बहुत ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं. इसका एक कारण इस मेटल का सस्ता होना भी है. साथ ही इसे गर्म होने में ज्यादा समय नहीं लगता है, जिससे बिजली और गैस की खपत कम होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं, कि इसमें कुछ चीजों को पकाने से बचना चाहिए? जी, हां स्टडी के अनुसार एल्युमिनियम के बर्तन में एसिडिटिक और नमक वाले फूड्स को ज्यादा देर तक पकाने से एल्यूमिनियम टॉक्सिसिटी हो सकती है, जो शरीर के लिए जहर का काम करती है.  


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टमाटर

टमाटर में नेचुरल एसिड होते हैं, जो एल्यूमिनियम के साथ रिएक्शन कर सकते हैं. जब आप टमाटर को एल्युमिनियम के बर्तन में पकाते हैं, तो यह एसिड एल्यूमिनियम के साथ मिलकर हानिकारक यौगिक बना सकता है. इससे न केवल टमाटर का स्वाद बदल सकता है, बल्कि आपके स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.


साइट्रस फल

नींबू, संतरा और अन्य साइट्रस फल भी एल्यूमिनियम के बर्तनों में पकाने के लिए सही नहीं हैं. इन फलों में भी भरपूर मात्रा में एसिड होता है, जो एल्यूमिनियम से रिएक्शन कर सकता है. एल्यूमिनियम में पकाए गए खट्टे फलों वाली डिश को खाने से बॉडी टॉक्सिसिटी का खतरा बढ़ जाता है.


दही और अन्य डेयरी प्रोडक्ट

दही, छाछ और अन्य डेयरी प्रोडक्ट भी एल्यूमिनियम के बर्तन में पकाने से बचना चाहिए. डेयरी प्रोडक्ट में लैक्टिक एसिड होता है, जो एल्यूमिनियम के साथ रिएक्शन करके टॉक्सिन बनाता है, जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.  

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आलू

आलू में नेचुरल एसिड होते हैं, जो एल्युमिनियम के बर्तन में पकाते समय रिएक्शन कर सकते हैं. इससे न केवल भोजन का स्वाद बदल सकता है, बल्कि यह स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. आलू को पकाने के लिए स्टेनलेस स्टील या कच्चे लोहे के बर्तनों का उपयोग करना बेहतर होता है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.