Hina Khan को ब्रेस्ट कैंसर के बाद इस बीमारी ने जकड़ा, लक्षण बेहद खतरनाक, गले से नहीं उतर रहा खाना
Hina Khan Breast Cancer: हिना खान अपने तीसरे स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करवा रही हैं. इस बीच उन्हें एक और गंभीर बीमारी हो गयी है, जिसके कारण वह सही तरह कुछ खा नहीं पा रहीं. यह कौन सी बीमारी है चलिए जानते हैं-
Breast Cancer Side Effects In Hindi: 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' की अक्षरा उर्फ हिना खान कई महीनों से जानलेवा बीमारी ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हैं. उन्हें तीसरे स्टेज पर अपने कैंसर के बारे में पता चला था. इसके लिए वह कीमोथेरेपी करवा रहीं है. एक्ट्रेस अपने फैंस को लगातार अपना हेल्थ अपडेट भी शेयर करती हैं.
हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक वीडियो शेयर की. जिसमें वो काफी बीमार पर स्ट्रांग नजर आ रही हैं. उन्होंने बताया कि वह म्यूकोसाइटिस नाम की एक मेडिकल कंडीशन का सामना कर रहीं है. जिसके कारण वह ठीक से खाना नहीं खा पा रही हैं. यह बीमारी क्या है? क्यों होती है, चलिए डिटेल में जानते हैं.
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म्यूकोसाइटिस क्या है?
म्यूकोसाइटिस म्यूकोसा यानी अंगों को कवर करने वाली ऊतकों की एक परत पर होने वाला दर्दनाक सूजन है. म्यूकोसा आपके मुंह से आपकी आंतों के माध्यम से आपके पूरे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) पथ को लाइन करती है. इसमें होने वाला पाचन तंत्र, विशेष रूप से मुंह के एरिया को इफेक्ट करता है. जिसके कारण खाना चबाने से लेकर पचाने तक की पूरी क्रिया में दर्द का अनुभव होता है.
कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट्स
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, म्यूकोसाइटिस कैंसर के इलाज के विकल्प रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी का एक साइड इफेक्ट है. कैंसर के इलाज के लिए डिजाइन की गई थेरेपी तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाओं को डैमेज करती है. इसमें कई बार हेल्दी सेल्स भी शिकार बन जाते हैं. इसमें म्यूकोसा भी शामिल है. जिसके कारण उसमें गंभीर रूप से सूजन आने लगता है.
इन लोगों को भी होता म्यूकोसाइटिस का खतरा
म्यूकोसाइटिस का खतरा कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी के जरिए कैंसर का इलाज करवाने वाले 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों में होता है. इसके अलावा स्मोकिंग, तंबाकू चबाने, शराब पीने, डिहाइड्रेशन, प्रोटीन की कमी, मसूड़ों में इंफेक्शन, किडनी डिजीज, डायबिटीज, डेंटल इंप्लांट और एचआईवी वाले लोगों को म्यूकोसाइटिस हो सकता है.
म्यूकोसाइटिस के लक्षण
मुंह और मसूड़ें में सूजन
मुंह में सूखापन
गाढ़ा लार
मुंह के छाले.
मुंह में मवाद से भरे सफेद फुंसी
निगलने, बात करने या खाने में कठिनाई
मुंह से खून आना
पेट में दर्द
मतली और उल्टी
दस्त
मल में खून या बलगम आना
दर्दनाक मल त्याग
म्यूकोसाइटिस का इलाज
कैंसर का इलाज बंद होने के साथ ही म्यूकोसाइटिस अपने आप ठीक हो जाता है. यदि आपने कीमोथेरेपी ली है, तो म्यूकोसाइटिस आमतौर पर उपचार शुरू होने के एक से दो हफ्ते बाद होता है और एक से छह हफ्ते के बाद ठीक हो जाता है. वहीं यदि आप रेडियोथेरेपी ले रहे हैं, तो म्यूकोसाइटिस उपचार शुरू होने के दो से तीन सप्ताह बाद होता है और थेरेपी खत्म होने के दो से चार सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है. इसके अलावा डॉक्टर इसके दर्द को कम करने के लिए कुछ पेनकिलर दे सकते हैं.
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