नई दिल्ली: बुजुर्गों या उम्र बढ़ने पर हड्डियों का कमजोर होना यानी ऑस्टियोपोरोसिस एक आम समस्या है, जिससे हड्डी टूटने या फ्रैक्चर की संभावना बढ़ जाती है. विशेष रूप से कूल्हे, रीढ़ की हड्डी और कलाई की हड्डी में फ्रैक्चर की संभावना अधिक होती है. इस मामले में आर्थोपेडिक्स डॉक्टरों का मानना है कि ऑस्टियोपोसिस के कारण हड्डी टूटने की संभावना 50 फीसदी लोगों में होती है, जबकि स्तन कैंसर की संभावना 9 फीसदी लोगों में तथा दिल की बीमारियों की संभावना 31 फीसदी लोगों में होती हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ऑस्टियोपोसिस के लक्षण के बारे में बताते एक्सपर्ट ने कहा कि पीठ में दर्द, जो अक्सर वर्टेबरा में खराबी या फ्रैक्चर के कारण होता है. समय के साथ ऊंचाई कम होना, पीठ में झुकाव, जिससे हड्डी टूटने की संभावना बढ़ जाती है. ऑस्टियोपोरोसिस के कारणों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी कई दवाएं हैं जो ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकती है, जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉयड, एंटी-डीप्रेसेन्ट, एंटी-हाइपरटेंसिव, एंटी-कॉन्वलसेंट आदि. इसलिए इन दवाओं का सेवन डॉक्टर की निगरानी में ही करना चाहिए. इसी के साथ जिन लोगों की पहले कभी हड्डी टूटी हो, भविष्य में उसमें ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर की संभावना अधिक होती है. डिप्रेशन भी कभी-कभी ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकता है,  क्योंकि डिप्रेशन से एक हॉर्मोन कॉर्टिसोल बनता है, जो हड्डियों से मिनरल्स को सोख कर उन्हें कमजोर बनाता है. 


High Alert: गंभीर स्थिति में पहुंचा दिल्ली का प्रदूषण, AQI पहुंचा 353 के पार


ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के सुझाव 
डॉक्टर सुझाव देते हैं कि व्यायाम करें क्योंकि व्यायाम जैसे सैर करना, योगा आदि से न केवल मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि शरीर में कैल्शियम का संतुलन भी बना रहता है. वहीं, अगर आपकी हड्डियां कमजोर हैं तो जॉगिंग, ट्रेडमिल और टेनिस जैसे व्यायाम आपके लिए सुरक्षित नहीं हैं. इसके साथ अपने लिए सही फुटवियर चुनें, कम हील वाले, रबड़ सोल से युक्त, सही फिटिंग वाले फुटवियर पहनें. अगर आपको आर्थराइटिस जैसी समस्या है तो चलते समय आप छड़ी या डिवाइस का सहारा ले सकते हैं. 80 वर्षीय धूम्रपान करने वालों की हड्डियों में मिनरल डेंसिटी 10 फीसदी कम होती है, जिससे उनमें स्पाइनल फ्रैक्चर की संभावना दोगुनी हो जाती है. इसी तरह हिप फ्रैक्चर की संभावना भी 50 फीसदी तक बढ़ जाती है. साथ ही धूम्रपान करने वाले में टूटी हड्डी ठीक होने में ज्यादा समय लगता है. 


अध्ययन: खून में सीसे की ज्यादा मात्रा से भारतीय बच्चों में बढ़ रही बौद्धिक अक्षमता


खानपान में शामिल करें कैल्शियम और विटामिन 
फिटनेस एक्सपर्ट का मानना है कि विटामिन डी बहुत जरूरी है, यह कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है. फोर्टीफाईड आहार, नमकीन पानी में रहने वाली मछली और लिवर में विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है.  हालांकि विटामिन डी के लिए हमें आहार पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं, यह धूप के सेवन से भी शरीर में खुद ही बन जाता है. इसके अलावा कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है. मरीज को रोजाना 1200 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए. एक व्यक्ति को 700 मिलीग्राम कैल्शियम अपने आहार से मिल जाता है, इसलिए 500 मिलीग्राम कैल्शियम सप्लीमेंट के रूप में लिया जा सकता है. डेयरी उत्पादों जैसे दूध, चीज, योगर्ट, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रॉकली, सॉफ्ट बोन फिश जैसे टिन्ड सालमन और ट्यूना में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है.  


(इनपुट: IANS)