'एस्ट्राजेनेका' की एंटी कैंसर दवा ‘ओलापारिब’ को वापस लेने का आदेश, जानिए किन मामलों में नहीं कर सकते यूज
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'एस्ट्राजेनेका' की एंटी कैंसर दवा ‘ओलापारिब’ को वापस लेने का आदेश, जानिए किन मामलों में नहीं कर सकते यूज

Cancer Treatment: अगर आप या आपके परिवार के लोग कैंसर से राहत पाने के लिए एस्ट्राजेनेका कंपनी की एंटी कैंसर दवा ‘ओलापारिब’ यूज करते हैं, तो ये खबर आपके काम की है.

'एस्ट्राजेनेका' की एंटी कैंसर दवा ‘ओलापारिब’ को वापस लेने का आदेश, जानिए किन मामलों में नहीं कर सकते यूज

DCGI Orders On Anti-Cancer Drug: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drug Controller General of India) यानी डीजीसीआई (DGCI) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग रेगुलेटर से कहा है कि वो उन पेशेंट के ट्रीटमेंट के लिए एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) की एंटी कैंसर दवा ‘ओलापारिब’ (Olaparib) को वापस ले लें, जिन्हें 3 या इससे अधिक बार कीमोथेरेपी दी जा चुकी है. 

इन मामलों को लेकर आदेश

राज्य नियामकों से दवा के मैन्युफैक्चरर्स को संभावित प्रतिकूल प्रभावों के कारण जीबीआरसीए म्यूटेशन (gBRCA Mutation) और आखिरी स्टेज के ओवेरियन कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के पेशेंट के इलाज के सिलसिले में दवा का मार्केटिंग बंद करने और रिवाइज्ड पैकेड एंट्री जमा करने का निर्देश देने के लिए कहा गया है. टॉप ड्रग रेगुलेटर ने कहा है कि दूसरे अप्रूव्ड इंडिकेशन के लिए दवा की मार्केटिंग जारी रखी जा सकती है.

क्यों दिया गया ये आदेश?

एस्ट्राजेनेका ने साल 2018 में ‘ओलापारिब’ (Olaparib) का अप्रूवल हासिल किया था, लेकिन कंपनी ने हाल ही में एक आवेदन दिया था जिसमें  जीबीआरसीए म्यूटेशन के पेशेंट के लिए 100 एमजी और 150 एमडी डोज की दवाओं को विड्रॉल करने की गुजारिश की गई थी. ये फैसला पोस्ट हॉक सबग्रुप एनालिसिस के बाद आया है, जब इस खस पेशेंट सबग्रुप में ओलापैरिब की तुलना कीमोथेरेपी कंट्रोल आर्म से करने पर ओवरऑल सर्वाइवल पर संभावित हानिकारक प्रभाव का संकेत मिले.

ओवरेयन कैंसर

महिलाओं को ओवरेयन कैंसर तब होता है जब किसी महिला के अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब में असामान्य सेल्स बढ़ने लगते हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं. अंडाशय महिला प्रजनन प्रणाली का हिस्सा हैं.। ये दो गोल, अखरोट के आकार के अंग आपने प्रोडक्टिव ईयर्स के दौरान अंडे बनाते हैं.
 

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ब्रेस्ट कैंसर

ब्रेस्ट कैंसर तब होता है जब स्तन कोशिकाएं म्यूटेट सेल्स होकर कैंसरयुक्त कोशिकाएं बन जाती हैं जो गुणा करके ट्यूमर बनाती हैं. स्तन कैंसर आम तौर पर महिलाओं की बीमारी मानी जाती है, लेकिन कुछ मामलों में ये पुरुषों को भी हो सकती है. भारत में इस बीमारी के मरीजों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है.

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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