How to Avoid Amoeba Infection: केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. केरल में इसके अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं और इसके संक्रमण की वजह से अब तक तीन बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं. दरअसल, अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस दूषित जल में पाए जाने वाले अमीबा से होता है. मई के बाद केरल में अमीबा से होने वाले संक्रमण का चौथा मामला है, जिसमें सभी पीड़ित बच्चे रहे हैं.


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सीएम विजयन ने ली बैठक


बढ़ते मामलों को देखते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बैठक की. उसमें संक्रमण को रोकने के लिए गंदे जलाशयों में ना नहाने समेत कई सुझाव दिए गए. अमीबा एक सूक्ष्मजीव है, जो प्रोटोजोआ वर्ग से संबंधित हैं. उनका आकार और रूप लगातार बदलता रहता है. अमीबा पानी, मिट्टी, इंसान और जानवरों की आंतों में पाया जाता है. 


अमीबा संक्रमण के लक्षण


अमीबा से होने वाले संक्रमण के लक्षणों की बात करें तो इसमें पेट दर्द, दस्त, बुखार, उल्टी और कमजोरी शामिल होती है. इस बीमारी से बचाव का तरीका सावधानी बरतना होता है, जिसमें साफ पानी का सेवन, स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना और संक्रमित व्यक्तियों से थोड़ी दूरी बरतनी होती है. 


कैसे फैलता है अमीबा का संक्रमण


यह संक्रमण आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या भोजन या पानी के जरिए फैलता है. कई बार पेट में दर्द, कब्ज, ऐंठन, बुखार या कब्ज की दिक्कत हो सकती है. कई बार कोई लक्षण नहीं दिखता लेकिन फिर भी संक्रमण हो सकता है. इस संक्रमण का पता लगाने के लिए डॉक्टर मल के नमूने की लैब में जांच करते हैं. कई बार कोलोनोस्कोपी या अल्ट्रासोनोग्राफ़ी या ब्लड टेस्ट भी किया जाता है. इसके इलाज के लिए दवा दी जाती है, जो पेट में मौजूद अमीबा यानी कीड़ों को मारने का काम करती है.