हैदराबादः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के पहले चरण से पहले तेलंगाना पुलिस ने सोमवार को एक राष्ट्रीय पार्टी से जुड़ी 8 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है. पुलिस का आरोप लगाया कि यह राशि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों एवं उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना बैंक से निकाली गई. हालांकि राष्ट्रीय पार्टी ने आरोप से इनकार किया और आरोप लगाया कि यह स्पष्ट रूप से जरूरत से ज्यादा की गई कार्रवाई और सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का राजनीतिक षड्यंत्र है. पार्टी में प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता ने कहा, “हम इस व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं. हमारी पार्टी ने कोई कानून नहीं तोड़ा और चुनाव आयोग के किसी दिशा-निर्देश का उल्लंघन नहीं किया.’’ 


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बता दें कि इससे पहले आयकर विभाग ने तमिलनाडु के वेल्लोर की एक सीमेंट फैक्ट्री से 11.53 करोड़ रुपये बरामद किए थे. आयकर विभाग ने यह रकम 31 मार्च को जब्त की थी. कहा जा रहा है कि इन रुपयों का इस्तेमाल चुनाव के लिए किया जाने वाला था. इस नकदी को बोरों और गत्ते में भरा गया था. इससे पहले चुनाव आयोग ने भी लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के बाद से अब तक जब्त की गई नकदी आदि की सूची जारी की है.


तमिलनाडु: बोरों में भरी थी नोटों की गड्डियां, आयकर विभाग ने छापा मारकर की जब्त


चुनाव आयोग ने बताया कि इस दौरान अब तक संदिग्ध नकदी, अवैध शराब और नशीली दवाएं जब्त की गई हैं जिनकी कीमत करीब 1,460 करोड़ रुपये आंकी गई है. आधिकारिक डाटा में 1 अप्रैल को यह जानकारी दी गई. गुजरात में सबसे ज्यादा करीब 509 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती हुई है. हाल में गुजरात तट के पास से 100 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किया गया जिसकी कीमत करीब 500 करोड़ रुपये है. यह राज्य में चुनाव के मद्देनजर निगरानी बढ़ाये जाने के बाद एक बार में हुई सबसे बड़ी जब्ती है.



इसके बाद तमिलनाडु में करीब 208.55 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती हुई जिसके बारे में संदेह है कि यह सब मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया था. ये आंकड़े अन्य बड़े राज्यों- आंध्र प्रदेश में 158.61 करोड़ रुपये, पंजाब में 144.39 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश में 135.13 करोड़ रुपये है. चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि एक अप्रैल तक कुल 1,460.02 करोड़ के सामान की जब्ती हो चुकी है.