नई दिल्‍ली : 'मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी...ईश्‍वर की शपथ लेता हूं कि...मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा. मैं भारत की प्रभुता और अखंडता का अक्षुण्‍ण रखूंगा. मैं संघ के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्‍यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंत:करण से निर्वहन करूंगा...तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्‍याय करूंगा.'


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'मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी ईश्‍वर की शपथ लेता हूं कि जो विषय संघ के प्रधानमंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा उसे किसी व्‍यक्ति या व्‍यक्तियों को तबके सिवाय, जबकि प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्‍यों के निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो, मैं प्रत्‍यक्ष अथवा अप्रत्‍यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा.’' 


तारीख- 26 मई, 2014. दिन-सोमवार. स्‍थान-राष्ट्रपति भवन. समय- शाम के 06:13 बजे. तारीख भी खास थी और दिन भी. इस दिन देश को नरेंद्र मोदी के रूप में नया प्रधानमंत्री मिला था. गुजरात के मुख्‍यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इसी दिन देश के 14वें प्रधानमंत्री बने थे. राष्‍ट्रपति भवन में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्‍हें प्रधानमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाई थी. सार्क देशों के प्रमुख भी उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. इनमें पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी शामिल थे. शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने से पहले लोगों ने ‘जय श्री राम’ का उद्घोष भी किया था.


2014 में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की तस्‍वीर. फाइल फोटो

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2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 543 लोकसभा सीटों में से 282 सीटें हासिल हुई थीं. साथ ही एनडीए को कुल 336 सीटें मिली थीं. 2014 के चुनाव में देश में नरेंद्र मोदी की प्रचंड लहर देखने को मिली थी. 1984 के बाद यह सबसे बड़ा जनादेश था. चुनाव आयोग ने 16 मई, 2014 को चुनाव परिणामों की घोषणा की थी. नरेंद्र मोदी बीजेपी और एनडीए के संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद 20 मई, 2014 को तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले थे. तबके राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्‍हें सरकार बनाने का न्‍यौता दिया था. इसके बाद बीजेपी की ओर से घोषणा की गई थी कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह 26 मई को होगा. 



26 मई, 2014 की शाम नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह राष्‍ट्रपति भवन के बाहरी हिस्‍से में हुआ था. यह भी अपने आपमें खास था, क्‍योंकि जिस हिस्‍से की हम बात कर रहे हैं, वहां इससे पहले सिर्फ दो ही प्रधानमंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी. पहले थे 1990 में प्रधानमंत्री बने चंद्रशेखर और दूसरे 1996 और 1998 में प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी. पहले राष्‍ट्रपति भवन के दरबार हॉल को शपथ ग्रहण समारोह के लिए चुना जाना था. लेकिन वहां मेहमानों के बैठने का स्‍थान कम होने के कारण उसे नहीं चुना गया था.


पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों के अलावा देश की भी नामचीन हस्तियों और शीर्ष नेताओं ने शिरकत की थी. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ. एपीजे अब्‍दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल, तत्‍कालीन उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, तत्‍कालीन कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी शामिल थे. इनके अलावा बॉलीवुड से इस समारोह में अमिताभ बच्‍चन, रजनीकांत, धर्मेंद्र, अनुपम खेर, लता मंगेशकर, सलमान खान, सुरेश ओबेरॉय, विवेक ओबेरॉय और मधुर भंडारकर को भी आमंत्रित किया गया था. 


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पीएम मोदी और बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को बीजेपी मुख्‍यालय में लोगों को अभिवादन स्‍वीकार किया. फोटो ANI

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर (तत्‍कालीन बॉम्‍बे स्‍टेट का हिस्‍सा) में हुआ था. उनके पिता का नाम दामोदार दास मूलचंद मोदी और माता का नाम हीराबेन है. पीएम नरेंद्र मोदी वडनगर के स्कूल में पढ़ते थे. नरेंद्र मोदी बचपन में स्कूल में नाटक, वाद-विवाद में भाग लेते और पुरस्कार जीतते थे. वह एनसीसी में भी शामिल हुए थे. वह बचपन में वडनगर रेलवे स्‍टेशन पर स्थित पिता की चाय की दुकान में उनकी मदद की भी करते थे. 


2014 में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नरेंद्र मोदी को दिलवाई थी प्रधानमंत्री पद की शपथ. फाइल फोटो 

मोदी बचपन में ही राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे. आगे चलकर आरएसएस में वे एक मेहनती कार्यकर्ता के तौर पर जाने जाने लगे. नरेंद्र मोदी आरएसएस के बड़े आयोजनों को भी मैनेज करते थे. आरएसएस नेताओं का ट्रेन और बस में रिजर्वेशन का जिम्मा उन्हीं के पास होता था. नरेंद्र मोदी बाद आगे चलकर संघ के प्रचारक बन गए. नरेंद्र मोदी ने 1990 के दशक में लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के आयोजन में अहम भूमिका निभाई थी.


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लालकृष्ण आडवाणी को नरेंद्र मोदी का राजनीतिक गुरु माना जाता है. 7 अक्‍टूबर, 2001 को नरेंद्र मोदी पहली बार गुजरात के मुख्‍यमंत्री बने थे. गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात समिट आयोजित कर देश और विदेश के उद्योगपतियों को निवेश के लिए आकर्षित किया. 2007 के विधानसभा चुनाव जीत कर नरेंद्र मोदी दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. 20 दिसंबर, 2012 को मोदी ने गुजरात में तीसरी बार सीएम बनकर अपने नाम का डंका बजाया.


लोकसभा चुनाव 2019 (lok sabha elections 2019) में पीएम मोदी और बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह के नेतृत्‍व में बीजेपी और एनडीए ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. इन चुनाव में बीजेपी को 303 सीटें हासिल हुई हैं. एनडीए को कुल 353 सीटें हासिल हुई हैं. वहीं कांग्रेस नीत यूपीए को महज 90 सीटें मिली हैं, जिनमें कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटें मिलीं.