जयपुर: पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी के कांग्रेस में जाने के बाद अब बीजेपी का कुनबा भी बढ़ने लगा है. घनश्याम तिवाड़ी के साथ बीजेपी छोड़ने वाले तकरीबन 100 कार्यकर्ताओं ने बुधवार को अपनी मूल पार्टी में वापसी की. दीनदयाल वाहिनी के नेता विमल अग्रवाल के साथ आए इन कार्यकर्ताओं को प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी और दो पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने पार्टी में शामिल कराया. विधानसभा चुनाव में पार्टी को हराने वाले इन कार्यकर्ताओं की वापसी के बाद मदनलाल सैनी में भी बीजेपी के मजबूत होने का दावा किया.


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चुनावी मौसम में राजनीतिक पार्टियों में आवाजाही का सिलसिला लगातार बना हुआ है. मंगलवार को पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी कांग्रेस में शामिल हो गए तो अगले दिन उनके साथ बीजेपी छोड़ने वाले कार्यकर्ताओं की बारी थी लेकिन अब तक घनश्याम तिवाड़ी से जुड़े रहे कार्यकर्ताओं ने तिवाड़ी के साथ जाने के बजाय अपनी मूल पार्टी में वापस लौटना बेहतर समझा. 


बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के साथ ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी और अशोक परनामी ने इन कार्यकर्ताओं की वापसी कराई. मदन लाल सैनी ने कहा कि कार्यकर्ताओं के लौटने से उनका संगठन ज्यादा बेहतर होगा और मिशन 25 हासिल करने में पार्टी को और मजबूती मिलेगी.


तकरीबन सौ कार्यकर्ताओं के साथ वापसी करने वाले विमल अग्रवाल ने कहा कि उन्हें मूल विचार से जुड़ना बेहतर लगा, इसलिए उन्होंने बीजेपी में लौटने का विकल्प चुना. अग्रवाल ने अपनी वापसी में बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी और प्रवक्ता जितेंद्र श्रीमाली समेत कई नेताओं की भूमिका बताई. घनश्याम तिवाड़ी के साथ बीजेपी छोड़ने के बाद अग्रवाल ने भारत वाहिनी के टिकट पर हवामहल सीट से चुनाव भी लड़ा और यहां बीजेपी को हार भी मिली, लेकिन अब अग्रवाल कहते हैं कि उनके जाने से पार्टी को भले जो नुकसान हुआ हो, लेकिन अब वह लोकसभा चुनाव में उसकी पूरी भरपाई करने की कोशिश करेंगे.