बचपन में महबूब मलिक को आर्थिक तंगी के चलते, 5वीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी... लेकिन तभी उन्होंने ये सोच लिया था, कि खुद पढ़ नहीं सके तो क्या हुआ, गरीब बच्चों को पढ़ाई में हर संभव मदद करेंगे... शिक्षा के महत्व को महबूब बखूबी समझते हैं, इसीलिए आज वो अपनी चाय की दुकान से होने वाली कमाई का, 80 प्रतिशत हिस्सा गरीब बच्चों की पढ़ाई में लगा देते हैं।