आज संसद के विशेष सत्र की शुरुआत के साथ, 76 वर्षों तक भारत के लोकतंत्र का प्रतीक रही संसद भवन की पुरानी इमारत, इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है । जिस संसद भवन में आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 14 अगस्त की आधी रात को Tryst With Destiny के नाम से पहला भाषण दिय़ा था, आज 76 वर्षों बाद उसी संसद भवन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50 मिनट की अपनी आखिरी Speech दी ।