राजस्थान के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की इतनी भारी कमी है कि स्कूलों का होना या ना होना, बराबर हो चुका है । वैसे तो ये कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के साथ-साथ, उनके माता-पिता का सब्र भी जवाब देने लगा है । इसलिए अब छात्रों और अभिभावकों ने खुद ही सरकारी स्कूलों में ताले लगाने शुरु कर दिये हैं । क्योंकि जब शिक्षक ही नहीं हैं तो स्कूल खोलने का क्या फायदा ?
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