एक आतंकवादी का क्या अंजाम होता है? मरने के बाद उसे जहन्नुम मिलती है या जन्नत? क्या सच में जन्नत में 72 हूरें उसका स्वागत करती है? इन सारे सवालों का ठीक-ठीक जवाब तो किसी के पास नहीं है, लेकिन इसी मुद्दे पर एक फिल्म आ रही है- 72 हूरें. सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म के ट्रेलर को अपनी मंजूरी तो नहीं दी है. Kasam Samvidhan Ki में देखिए आज की बहस इसी बड़े मुद्दे पर.