राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के बारे में आपने जरूर सुना होगा. सूफी संत की इस दरगाह पर बड़ी संख्या में मुसलमान तो पहुंचते हैं ही. बहुत से हिंदू भी माथा झुकाते हैं. लेकिन इस दरगाह पर एक दावे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. हिंदू सेना नाम के एक संगठन का दावा है कि इस दरगाह को एक शिव मंदिर के खंडहर पर बना दिया गया है. लिहाजा यहां पर फिर से हिंदू पद्धति से पूजा पाठ की इजाजत मिले. और दरगाह कमेटी की ओर से जो कब्जा है. उसे हटाया जाए. इस दावे के विरोध में अजमेर दरगाह कमेटी ने खारिज किया है. और कहा है कि इस तरह के बयान और दावों से सांप्रदायिक सौहार्द पर असर पड़ेगा. अब इस दावे में कितनी सच्चाई है. इसका पता आपको कानून लड़ाई खत्म होने के बाद चलेगा.