कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से IT रेड में अब तक 300 करोड़ रुपये बरामद हो चुके हैं। आज कार्रवाई का पांचवा दिन है। दो दिन से आप अलमारियों में जमे और बैग में भरकर ले जाते नोट देख रहे थे। अब आप बैंक में इन नोटों की गड्डियां और गिनती भी देखिये। टोटल 176 बैग भरकर नोट बोलांगीर की SBI ब्रांच में लाये गये हैं। करीब 150 बैग की गिनती हो चुकी है। ये 300 करोड़ का आंकड़ा उसी से आया है। 25-30 बैग और खुलने हैं, तो टोटल अमाउंट और ऊपर जा सकता है। नोट गिनने में 25 मशीनें लगी हुई हैं। कुछ बैकअप में भी रखी हैं। नोट गिनना बैंक वालों का रूटीन काम है, लेकिन इतने सारे गिनने का पहली बार मौक़ा मिला है। और अब आते हैं इस कैशलोक की सियासत पर..क्योंकि आज की डिबेट वही है। शराब कारोबारी धीरज साहू के ठिकानों पर 6 दिसंबर को छापे पड़े थे। तब से अब तक इतना कैश बरामद होने के बाद भई कांग्रेस खामोश है। ना अपने सांसद को झिड़क रही है, ना उससे पल्ला झाड़ रही है। ना ये कह रही है कि ये पैसा कांग्रेस का नहीं है? ना ये कह रही है कि भाई इतना पैसा घर या फैक्ट्रियां में क्यों रख रखा था? दूसरी साइड बीजेपी इस कैश को जमकर कैश करा रही है। आज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ट्वीट किया। राहुल गांधी का नाम लेकर कहा कि- "जवाब तो देना पड़ेगा, भागने से काम नहीं चलेगा। ये मोदी की गारंटी है, पाई-पाई लौटानी पड़ेगी। परसो प्रधानमंत्री मोदी भी ट्वीट करके कहा था कि 'पाई-पाई वसूली जाएगी'। बीजेपी का आरोप है कि धीरज साहू तो सिर्फ़ खजांची हैं, इस कैशलोक की असली मालिक कांग्रेस है और ये पैसा 24 के चुनाव के लिये जमा किया जा रहा था। मज़े की बात ये है कि 2018 के चुनाव शपथ पत्र में यही धीरज साहू खुद को कर्ज़दार बता रहे थे। अपने ऊपर 2 करोड़ 36 लाख का कर्ज़ बताया था उन्होंने। कांग्रेस की चुप्पी INDI अलायंस में उसके साथियों को भी खटक रही है। उनमें से कई आज बोले भी। वहीं कई नेताओं ने कांग्रेस की साइड से ही बैटिंग की। आज की बहस इसी मुद्दे पर है.