Success Story Mohan Dan Charan: यूपीएससी सीएसई 2022 के परिणामों का ऐलान होने के बाद से पूरे देश में हर तरफ केवल टॉपर्स की सफलता पर बात हो रही है. आज हम यहां आपको एक ऐसे यूपीएससी एस्पिरेंट की सफलता की कहानी बता रहे हैं, जिसकी नींव फेलियर ने रखी. हम बात कर रहे हैं राजस्थान के मोहनदान चारण के बारे में, जिन्हें 10वीं बोर्ड की परीक्षा में केवल 64 फीसदी अंक लाने पर टीचर्स से डांट भी पड़ी थी. आइए जानते हैं कैसे एक एवरेज स्टूडेंट्स ने यूपीएससी क्रैक करने तक का सफर तय किया.


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स्कूल में हमेशा एवरेज स्टूडेंट ही रहे थे मोहनदान 
कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी 10वीं में मोहन के 64 प्रतिशत नंबर ही थे. शायद ही कभी किसी ने उनसे यह उम्मीद भी की होगी कि वह देश का इतना कठिन एग्जाम क्लियर कर लेंगे, लेकिन अब इन्होंने 5,73,735 यूपीएससी एस्पिरेंट्स में से सफलता पाने वाले कुछ कैंडिडेट्स में अपनी जगह पक्की की है. 


लेक्चरर के तौर पर कर रहे हैं नौकरी
बाड़मेर के शिव झाफली गांव के रहने वाले मोहनदान चारण ने 710वीं रैंक हासिल की है. इस समय मोहन कल्याणपुर में लेक्चरर हैं. मोहनदान का कहना है कि उन्हें हमेशा खुद पर यह भरोसा था कि दसवीं के नंबर मेरा भविष्य नहीं हो सकते हैं. उनके आत्मविश्वास का ही नतीजा रहा कि आज वह एक लेक्चरर बने और अब यूपीएससी में सफलता हासिल की. 


मोहनदान ने मुताबिक उन्होंने कॉलेज में ही तय कर लिया था कि सिविल सर्विसेज में ही जाएंगे. तैयारी के दौरान उनके पास स्टडी मटेरियल लिमिटेड था, लेकिन उन्होंने बार-बार रिवीजन किया, जिसने उन्हें कई एग्जाम में सफलता दिलाई. 


एक इंटरव्यू के दौरान मोहनदान ने बताया, "सबसे पहले मैंने PTET का एग्जाम दिया. इसमें मैंने आर्ट्स में पूरे राजस्थान में दूसरी रैंक हासिल की थी. इसके बाद सेकेंड ग्रेड का एग्जाम दिया, जिसमें मेरा दो सब्जेक्ट में चयन हुआ था." 


मोहनदान ने अपने 8वें प्रयास में पाई सफलता
इसके बाद उन्होंने स्कूल लेक्चरर की परीक्षा पास की, जिसमें हिस्ट्री में पूरे स्टेट में 25वीं रैंक हासिल की थी. इसके बाद उनका हौसला और बढ़ा और उन्होंने कॉलेज लेक्चरर का एग्जाम भी दिया, जिसमें प्रदेश में 13वां स्थान प्राप्त किया था. इस दौरान मौहनदान ने तीन बार RAS के लिए इंटरव्यू दिए, लेकिन सिलेक्ट नहीं हुए. आपको बता दें कि मोहनदान का यूपीएससी का 8वां अटैम्प्ट था.