आरबीआई ने विकास का पूर्वानुमान घटाकर 6.5% किया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समीक्षा जारी होने के एक दिन पहले सोमवार को देश की आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान को घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया और महंगाई तथा वित्तीय घाटा बढ़ने की आशंका जाहिर कर दी।

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समीक्षा जारी होने के एक दिन पहले सोमवार को देश की आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान को घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया और महंगाई तथा वित्तीय घाटा बढ़ने की आशंका जाहिर कर दी।
आरबीआई ने आर्थिक और मौद्रिक विकास पर तिमाही रिपोर्ट में मौजूदा कारोबारी साल के लिए विकास के पूर्वानुमान को घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया। इससे पहले, उसने अप्रैल में विकास दर के 7.2 फीसदी रहने की सम्भावना जाहिर की थी।
आरबीआई मौद्रिक नीति की पहली तिमाही समीक्षा मंगलवार को जारी करने वाली है। आरबीआई ने कहा कि देश का आर्थिक परिदृश्य कमजोर है। अनिश्चित वैश्विक आर्थिक स्थिति के बीच सुस्त विकास, ऊंची महंगाई दर, चालू खाता घाटा और वित्तीय घाटा तथा निवेश घटने से अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है। आरबीआई ने कहा कि रियायत बढ़ने और आय कम रहने के कारण वित्तीय घाटा सीमा से अधिक रहने की आशंका है। सरकार ने सकल घरेलू उत्पादन के 5.1 फीसदी की सीमा में वित्तीय घाटा को सीमित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले वर्ष वित्तीय घाटा 5.76 फीसदी रहा था। (एजेंसी)

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