नई दिल्ली : वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद जनवरी से अगस्त के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 50 फीसदी बढ़कर 20.76 अरब डालर हो गया। यह जानकारी उद्योग मंत्रालय के ताजा आंकड़ों में दी गई है।
पिछले वर्ष इसी 13.85 अरब एफडीआई आया था। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को नीतियों को और सुव्यवस्थित करना चाहिए और माहौल एफडीआई के और ज्यादा अनुरुप बनाया जाना चाहिए। साल के पहले आठ महीनों में जिन क्षेत्रों ने सबसे अधिक एफडीआई आकर्षित किया, उनमें सेवा (वित्तीय और गैर वित्तीय), दूरसंचार, आवास व रियलए स्टेट, निर्माण और बिजली शामिल है।
इस दौरान मारीशस, सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जापान, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात भारतीय बाजार में ऐसे निवेश के मुख्य स्रोत रहे। भारत में एफडीआई प्रवाह वित्त वर्ष 2010-11 के दौरान बढ़कर 19.42 अरब डालर रहा। 2009-10 में यह आंकड़ा 25.83 अरब डालर था।
(एजेंसी)