नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कपास निर्यात की सीमा तय करने के केंद्र सरकार के फैसले को किसान विरोधी करार देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है। खाद्य और वस्त्र मंत्रालयों पर निशाना साधते हुए पवार ने अपने पत्र में लिखा है कि दोनों मंत्रालयों की नीतियां किसान विरोधी हैं।
पवार ने प्रधानमंत्री को यह पत्र मंगलवार को लिखा। इससे एक दिन पहले साोमवार को मंत्रियों के समूह ने मौजूदा वित्त वर्ष में एक करोड़ 30 लाख गठरी से अधिक कपास के निर्यात पर रोक लगा दी थी। पवार ने अपने पत्र में लिखा है कि इससे वस्त्र कम्पनियों को फायदा होगा। उन्होंने लिखा कि कपड़ा मिलों को दी जाने वाली छूट का बोझ किसानों पर नहीं डाला जाना चाहिए। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कपास के निर्यात की सीमा तय करने का विरोध किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, किसान कपास पर अधिक लागत और कम मुनाफे से परेशान हैं।
पवार ने चीनी के निर्यात को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने लिखा कि सरकार के भीतर व्याप्त नकरात्मकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 10 लाख टन चीनी निर्यात को अनुमति देने का फैसला 26 मार्च को ही लिया गया था, लेकिन इस सम्बंध में अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
(एजेंसी)