घरेलू बाजारों में शांति बहाल होगी, घबराने की जरूरत नहीं: चिदंबरम

बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में आई 4 प्रतिशत की भारी गिरावट के लिये वैश्विक कारणों को जिम्मेदार ठहराते हुये वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि घरेलू बाजारों को अमेरिका से आने वाले आंकड़ों के प्रति इतना संवेदनशील नहीं होना चाहिये। चिदंबरम ने कहा कि भारतीय बाजार में स्थानीय परिस्थितियां झलकनी चाहिए।

नई दिल्ली : बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में आई 4 प्रतिशत की भारी गिरावट के लिये वैश्विक कारणों को जिम्मेदार ठहराते हुये वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि घरेलू बाजारों को अमेरिका से आने वाले आंकड़ों के प्रति इतना संवेदनशील नहीं होना चाहिये। चिदंबरम ने कहा कि भारतीय बाजार में स्थानीय परिस्थितियां झलकनी चाहिए।
वित्त मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से अलग से बातचीत में कहा ‘मुझे इसमें कोई शक नहीं है कि घरेलू बाजारों में शांति बहाल होगी, लोग यह समझने लगेंगे कि भारतीय बाजार सूचकांकों में मूलरूप से भारतीय बाजारों की परिस्थितियों की झलक मिलनी चाहिए। उन्हें अमेरिका से आने वाले आंकड़ों के प्रति इतना संवेदनशील नहीं होना चाहिये।’
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुक्रवार को करीब 770 अंक यानी 4 प्रतिशत घट गया जबकि रुपया भी नये सर्वकालिक निम्न स्तर 62 रुपये प्रति डालर को छू गया। इस दौरान सोने का भाव 1,310 रपये उछलकर 31,010 रपये प्रति 10 ग्राम हो गया।
बाजारों के इस घटनाक्रम से चिंतित वित्त मंत्री ने कहा ‘मेरा मानना है कि यह शांत रहने का समय है, यह चिंतन का समय है, बहरहाल, देखते हैं कि अब अगले सप्ताह क्या होता है।’ उन्होंने कहा कि बुधवार से शुक्रवार सुबह तक भारतीय अर्थव्यवस्था में कोई ऐसी घटना नहीं हुई जिससे बाजार में कोई हलचल हो ।
चिदंबरम ने कहा कि ‘बावजूद इसके, बाजारों को आज तेज झटका लगा यह रुपये में भी दिखा । हमने कई उपाय किये हैं, कई उपाय किये जा रहे हैं, बहरहाल, देखते हैं कि अब पहली तिमाही के आर्थिक वृद्धि के आंकड़े क्या रहते हैं।’
अमेरिका में बेरोजगारी में गिरावट के आंकड़ों का पूरी दुनिया के बाजारों पर असर देखा गया। चिदंबरम ने कहा ‘अमेरिका में अब पहले से कम लोग रोजगार पाने की प्रतीक्षा में हैं या फिर अमेरिका में कुछ ज्यादा लोग रोजगार मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसका भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी स्थिति पर किस प्रकार प्रभाव पड़ेगा। ऐसा नहीं होगा, इसका असर नहीं होगा, मेरा मानना है कि यह साधारण की बात है, यदि ये आंकड़े नीचे आते हैं और उपर जाते हैं तो इनका भारतीय अर्थव्यवस्था पर वास्तव में कोई संबंध नहीं है अथवा कोई असर नहीं होगा।’
उन्होंने कहा ‘इसके बावजूद बाजार ने हमेशा ही इन संकेतों पर, जब भी ये आंकड़े अमेरिका से बाहर आते हैं, प्रतिक्रिया दिखाई है। बाजारों ने 22 मई को भी इसी तरह प्रतिक्रिया दिखाई जब अमेरिका के फैडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्नके ने एक बयान दिया था। अमेरिका में बेराजगारी के आंकड़ों पर भी बाजार ने उसी तरह की प्रतिक्रिया दिखाई है, कभी कभी मुझे आश्चर्य होता है, कि बाजार में ऐसी प्रतिक्रिया क्यों होती है।’ भारत के मामले में चिदंबरम ने कहा, ‘जहां, तक भारत की बात है, कल अवकाश था, इसलिये आज भारतीय बाजारों पर दो दिन का असर एक साथ दिखाई दिया। यही वजह है कि यह गिरावट ज्यादा बड़ी दिखाई दे रही है।’ वित्त मंत्री ने इससे पहले राष्ट्रीय कौशल प्रमाणन और मौद्रिक पारितोषिक योजना की शुरआत करते हुये चिदंबरम ने कार्यबल के कौशल विकास पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें बेहतर रोजगार मिले। (एजेंसी)

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