चेक, बैंक ड्राफ्ट केवल 3 महीने तक वैध

अगले वित्त वर्ष से बैंकों के चेक, पे.आर्डर और ड्राफ्ट केवल तीन महीने के लिए ही वैध होंगे। ग्राहकों को इनके जारी होने की तिथि से तीन महीने के भीतर खाते में जमा कराना होगा, अन्यथा इन्हें भुनाया नहीं जा सकेगा।

नई दिल्ली : अगले वित्त वर्ष से बैंकों के चेक, पे.ऑर्डर और ड्राफ्ट केवल तीन महीने के लिए ही वैध होंगे। ग्राहकों को इनके जारी होने की तिथि से तीन महीने के भीतर खाते में जमा कराना होगा, अन्यथा इन्हें भुनाया नहीं जा सकेगा।

 

भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है। केन्द्रीय बैंक ने नकद राशि और कालेधन की समस्या को देखते हुए 20,000 रुपये अथवा इससे अधिक राशि के डिमांड ड्राफ्ट का भुगतान केवल खाते में ही करने का भी आदेश जारी किया है। बैंकों से कहा गया है कि 20,000 रुपये अथवा इससे अधिक राशि के डिमांड ड्राफ्ट किनारे पर तिरछी पंक्तियों में केवल खाते में देय के साथ ही जारी किए जायें। यह आदेश तुरंत प्रभाव से अमल में आएगा।

 

चेक, बैंक ड्राफ्ट वर्तमान में इनके जारी होने से छह माह के लिए वैध होते हैं। रिजर्व बैंक ने कहा है कि कुछ कारोबारियों द्वारा जारी किए गये चेक, बैंक ड्राफ्ट और पे.आर्डर का बाजार में विभिन्न लेनदेन में छह महीने तक नकदी के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। बैंक ने यह भी कहा है कि कुछ असामाजिक तत्व डिमांड ड्राफ्ट का इस्तेमाल केवल नकदी पाने के लिए कर रहे हैं। इस प्रवृत्ति को रोका जाना चाहिए।

 

रिजर्व बेंक ने कहा है कि जनता और बैंकिंग नीति के हित को देखते हुए इन बैंकिंग साधनों की वैध अवधि को छह माह से कम करके तीन माह किया जाता है। बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 की धारा 35ए के तहत रिजर्व बैंक ने यह कदम उठाया है। एक अप्रैल, 2012 से बैंक चेक, ड्राफ्ट, पे.आर्डर उनके जारी होने की तिथि से तीन महीने तक ही वैध होंगे। (एजेंसी)

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