भारत में आने का वैश्विक प्रवेश द्वार बन रहा है गुजरात : नरेंद्र मोदी

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात को दुनिया के लिए 'भारत प्रवेश द्वार' बताते हुए आज उद्योगपतियों से कहा कि वह वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के मंच का इस्तेमाल दुनिया को शोषण वाले आर्थिक मॉडल से दूर रहने का सकारात्मक संदेश देने के लिए करें।

ज़ी न्यूज़ ब्यूरो/एजेंसी
गांधीनगर : मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात को दुनिया के लिए 'भारत प्रवेश द्वार' बताते हुए आज उद्योगपतियों से कहा कि वह वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के मंच का इस्तेमाल दुनिया को शोषण वाले आर्थिक मॉडल से दूर रहने का सकारात्मक संदेश देने के लिए करें।
मोदी यहां ‘वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन 2013’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'एक समय था जब गुजरात भारत से बाहर दुनिया में जाने का द्वार हुआ करता था। अब यह भारत में आने का वैश्विक प्रवेश द्वार बन रहा है। हम एक ऐसा गुजरात बनाएंगे कि सारी दुनिया उसे अपना घर बनाएगी।'
उन्होंने कहा, 'मैं दोहराना चाहूंगा कि यह आयोजन केवल निवेश के बारे में नहीं है। यह केवल वित्तीय रिटर्न देने वाली योजनाओं के बारे में नहीं है। यह तो आर्थिक माहौल में सकारात्मकता लाने के बारे में है। यह तो हमारी सामाजिक आर्थिक गतिविधियों में घनिष्ठता लाने के लिए है। यह हमारी आर्थिक प्रक्रिया में वैश्विक व स्थानीय समग्रता लाने के बारे में है।'
मोदी ने कहा, 'गुजरात भारत का वह राज्य है जिसने अब विकास का पहला चरण पूरा कर लिया है। अब हम दूसरे चरण में प्रवेश कर रहे हैं, और अधिक मजबूत, अधिक गतिशील व और अधिक आधुनिक गुजरात।' पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक मंदी तथा इसके दुनिया भर में असर का ज्रिक करते हुए मोदी ने कहा, 'हम अपने सामाजिक व आर्थिक जीवन के एक बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ पर मिल रहे हैं। पिछले कुछ साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बहुत उत्साहजनक नहीं रहे। यहां तक कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को भी मंदी का मुंह देखना पड़ा। इसका असर भारत पर भी पड़ा और हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि हाल ही में कमजोर हुई।'
उन्होंने कहा कि इस आयोजन के मंच से हमें यहां से वैश्विक अर्थव्यवस्था को एक सकारात्मक संदेश देना चाहिये। उन्होंने शोषक आर्थिक मॉडलों के प्रति आगाह किया। ‘इतिहास ने बार-बार हमें यह दिखाया है कि शोषण पर आधारित आर्थिक मॉडल नहीं चल सकता।’ उन्होंने कहा, ‘बाजारों का शोषण अथवा दोहन भी तब तक कोई फायदा नहीं पहुंचा सकता है जब तक कि उन बाजारों में रहने वाले लोगों को सशक्त नहीं बनाया जाता है जब तक कि स्थानीय स्तर पर उत्पादन क्षमता को बढ़ाना नहीं जाता है और जब तक कि लोगों को प्रगति में भागीदार नहीं बनाया जाता है।’
मोदी ने कहा, ‘गुजरात में हमने ऐसा आर्थिक नमूना बनाया है जिसमें स्थानीय संसाधनों और स्थानीय प्रतिभा को उपयोग में लाया जाता है और साथ ही वैश्विक परिपेक्ष्य को ध्यान में रखते हुये उपयुक्त समाधान भी उपलब्ध कराया जाता है।’ मोदी ने उद्योगपतियों, व्यापारियों, देश विदेश के प्रतिनिधियों और निवेशकों सभी से कहा कि उन्हें देश की युवा शक्ति पर विश्वास करना चाहिये। देश की 65 प्रतिशत आबादी इस समय 35 वर्ष से कम आयु वाली है। ‘मुझे पूरा विश्वास है कि यह सदी भारत की सदी होगी।’
मोदी की ‘दूरदृष्टि’ के कायल हुए अंबानी
एक लंबे अंतराल के बाद अंबानी बंधु एक सार्वजनिक मंच पर साथ-साथ आकर एक सुर में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के तारीफों के पुल बांधे। जहां आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने मोदी को ‘दूरदृष्टा’ बताया, तो छोटे भाई अनिल अंबानी ने मोदी को महात्मा गांधी और सरदार पटेल की कतार में खड़ा किया।
वाइब्रेंट गुजरात समिट में मुकेश अंबानी ने कहा, ‘नरेंद्र भाई में हम एक दूरदृष्टि वाला नेता देखते हैं। यह ठीक बात है कि ढांचागत विकास के मामले में गुजरात अग्रणी राज्य रहा है जिसका इसे फायदा मिल रहा है। हमने गुजरात से शुरुआत की और हम निवेश करने फिर यहां आए हैं। हमने गुजरात में 1,00,000 करोड़ रुपए निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। हम जामनगर और हजीरा में अपने परिचालन का विस्तार करेंगे।’ उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय पेट्रोलियम विश्वविद्यालय में भी 500 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई।
मुकेश के छोटे भाई अनिल अंबानी ने नरेंद्र मोदी की तुलना महात्मा गांधी और सरदार पटेल से की। अनिल अंबानी ने कहा, ‘मैं आपके समक्ष गुजरात की एक दूसरी तस्वीर पेश करने की कोशिश करता हूं। 2 अक्तूबर, 1869 को पोरबंदर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ, 31 अक्तूबर, 1875 को नरियल में लौह पुरुष सरदाल वल्लभभाई पटेल का जन्म हुआ, 28 दिसंबर, 1932 को चोरवाड़ में भारत के महान उद्यमी धीरूभाई अंबानी का जन्म हुआ और 17 सितंबर, 1950 को वडनगर में नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ।’
नरेंद्र मोदी की तारीफ करने की बारी आने पर रतन टाटा ने भी कोताही नहीं बरती। उन्होंने आज गुजरात को भारत में निवेशकों के लिए अनुकूल एक खास स्थान बनाने का श्रेय मोदी को दिया। रतन टाटा ने कहा, ‘आज जब निवेशक निवेश के लिए जगह तलाशते हैं तो वे अनुकूल जगह खोजते हैं। इस मामले में गुजरात देश में अन्य स्थानों के मुकाबले एक विशिष्ट पहचान बना चुका है और इसका श्रेय नरेंद्र मोदी को जाता है।’
टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने कहा, ‘पहले जब मैं यहां आया तो मुझे लगा कि जो लोग यहां निवेश नहीं कर रहे हैं वे नासमझ हैं। दूसरी बार आने पर मैंने भी खुद को नासमझ लोगों की जमात में खड़ा पाया। लेकिन अब हम निवेश कर चुके हैं या 34,000 करोड़ रुपये निवेश करने में लगे हुए हैं।’ टाटा समूह की कंपनी टाटा मोटर्स ने गुजरात के साणंद में नैनो संयंत्र लगाया है और टाटा पावर ने भी राज्य में निवेश किया है।

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