नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के 2जी सेवाओं के 122 लाइसेंस रद्द करने के आदेश से सबसे अधिक प्रभावित नॉर्वे की टेलीनॉर एएसए ने कहा है कि वह भविष्य में भारत में निवेश से पहले सभी विक्लपों पर विचार करेगी। एक अन्य विदेशी कंपनी बहरीन टेलीकम्युनिकेशंस (बाटेल्को) ने तो एक और कदम आगे बढ़ते हुए भारत से बाहर निकलने का फैसला किया है। बाटेल्को का कहना है कि वह भारत में काफी ‘परेशानी’ महसूस कर रही थी।
एक अन्य प्रभावित कंपनी रूस के सिस्तेमा समूह ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ पुनरीक्षा याचिका दायर करेगी। वहीं फैसले से प्रभावित चौथी कंपनी संयुक्त अरब अमीरात की एतिसलात ने अभी इस मसले पर चुप्पी साधी हुई है। इन सभी चारों विदेशी कंपनियों की विभिन्न भारतीय दूरसंचार इकाइयों में अच्छी खासी हिस्सेदारी है। इन्हें 2008 में मोबाइल लाइसेंस आवंटित किया गया था। उच्चतम न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सभी के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।
टेलीनॉर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन फ्रेडरिक बकसास ने कल कहा कि हम भारत में अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए सभी संभव कदम उठा रहे हैं। भविष्य में किसी भी निवेश से पहले हम सभी विकल्पों पर विचार करेंगे। वहीं, बहरीन की बाटेल्को ने भारत में अपनी सहयोगी एस-टेल में अपनी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की है। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भारत छोड़ने वाली बाटेल्को पहली कंपनी है।
(एजेंसी)