नई दिल्ली : सार्वजनिक वित्त की खराब होती स्थिति के बारे में बनी आशंकाओं को बल देते केंद्र सरकार का रोजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में ही पूरे साल के बजट अनुमान का 92 प्रतिशत तक पहुंच गया। सरकार की राजस्व वसूली अनुमान से कम रहने तथा अन्य स्रोतों से राजस्व प्राप्ति नहीं हो पाने और लघु बचत योजनाओं से निकासी बढ़ने के कारण राजकोषीय घाटे की हालात खस्ता हुई है।
महालेखानियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2011 की समाप्ति तक केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा 3.81 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह पूरे साल के बजट अनमान का 92.3 प्रतिशत तक पहुंच गया।
पिछले वर्ष इसी अवधि में केंद्र का राजकोषीय घाटा पूरे साल के अनुमान का 45 प्रतिशत रहा था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 4.12 लाख करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान लगाया था। यह राशि जीडीपी के 4.6 प्रतिशत पर रखी गई है। बहरहाल, आय और व्यय के बीच अंतर बढ़ने से राजकोषीय घाटा बजट अनुमान से अधिक रहने की आशंका बढ़ गई है।
(एजेंसी)