रैनबैक्सी-यूएस प्रशासन में सुलह को अर्जी

अमेरिकी कानून विभाग ने भारत में रैनबैक्सी के कतिपय कारखानों में बनी दवाओं पर पाबंदी खत्म करने को लेकर कंपनी के साथ हुई सहमति को स्थायी अदालती स्वीकृति के लिए एक स्थानीय अदालत में अर्जी दी है।

 

वाशिंगटन : अमेरिकी कानून विभाग ने भारत में रैनबैक्सी के कतिपय कारखानों में बनी दवाओं पर पाबंदी खत्म करने को लेकर कंपनी के साथ हुई सहमति को स्थायी अदालती स्वीकृति के लिए एक स्थानीय अदालत में अर्जी दी है। वहां इसी तरह की अर्जी औषधि विनिर्माता इस भारतीय फर्म ने भी लगाई है।

 

न्याय विभाग की इस अर्जी के अनुसार रैनबैक्सी को अमेरिकी बाजार के लिए दवा बनाने वाले भारत के उसके कारखानों में साफ सफाई और उत्पादन के अमेरिकी मनकों और परिपाटियों का पालन करेगी। कंपनी ने विभाग के साथ सूचनाओं को पूरी ईमानदारी के साथ प्रस्तुत करने का भी वायदा किया है।

 

कानून विभाग के सहायक अटार्नी जेनरल (दीवानी प्रभाग) टोनी वेस्ट ने बुधवार को यहां खाद्य एवं दवा प्रशासन (एफडीए) के आवदेन के आधार पर सुलह समझौते को अदालती स्वीकृति की अर्जी लगाने के बाद कहा, रैनबैक्सी के खिलाफ यह कार्रवाई महत्वपूर्ण है। इसके लिए कंपनी को अमेरिका और भारत दोनों जगहों में स्थित संयंत्रों में बुनियादी बदलाव करने की जरूरत है।

 

वेस्ट ने कहा, हमारा मकसद है यह सुनिश्चित करना कि अमेरिकी जनता जिन दवाओं पर भरोसा करती है वे सुरक्षित, प्रभावी हो और एफडीए के मानकों के अनुरूप बनाई गई हों। कानून विभाग ने कहा कि समझौते पर अदालती मुहर की अर्जी का दायरा नए आयामों वाला है। इसके तहत रैनबैक्सी को संबंधित काखानों की आंतरिक समीक्षा के साथ साथ इन इकाइयों से जुड़े आंकड़ों के लेखा परीक्षण के लिए बाहर के विशेषज्ञों को नियुक्त करना होगा।

इस बीच रैनबैक्सी लेबोरेटरीज ने आज यहां एक बयान में कहा कि उसने भारत में अपने कुछ कारखानों पर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा लगाई गयी पाबंदी खत्म कराने से संबंधित समझौते अदालती मुहर के लिए अमेरिका की एक अलादलत में आवेदन किया है। यह आवेदन समझौते के तहत ही किया गया है। गुड़गांव की इस कंपनी ने बताया कि अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (यूएसएफडीए) के साथ 20 दिसंबर 2011 को उसका समझौता हो गया था।

 

अब इस पर आदालती सहमति के आदेश के लिए मेरीलैंड की जिला अदालन में अर्जी लगायी गयी है। यूएसएफडीए ने रैनबैक्सी के देवास (मध्य प्रदेश) और हिमाचल प्रदेश के पोंटा साहिब और बाटामंडी के कारखानों में तैयार 30 सामान्य श्रेणी की दवाओं पर अमेरिका में पाबंदी लगा दी थी। उसका कहना था कि इन काराखानों में स्वच्छतापूर्ण उत्पादन के मानकों का पालन नहीं हो रहा है। अमेरिका कानून विभाग ने उसी साल कंपनी पर दस्तावेजों में हेराफेरी और धांधली के आरोप में वहां की अदालत में मामला दायर किया था।

 

कंपनी ने कहा,  सहमति पत्र की शर्तों के मुताबिक रैनबैक्सी ने अपनी नीति और प्रकियाओं को और ठोस बनाने तथा सूचनाओं की विश्वसनीयता और विनिर्माण की स्वस्थ्य परिपाटियों का पालन करने की प्रतिबद्धता जताई है। इस घटनाक्रम के बारे में रैनबैक्सी के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक अरुण साहनी ने कहा, आज की यह घोषणा एफडीए के साथ हुए हमारे समझौते को पक्का करने की प्रक्रिया में अगला कदम है ताकि इस पुराने मामले को समाप्त किया जा सके। साहनी ने कहा अपने कारोबार और विनिर्माण प्रक्रिया की गुणवता सुधारने की दिशा में हमने जो प्रगति की है हम उससे खुश हैं। कंपनी ने कहा है कि अमेरिका के न्याय विभाग के साथ सुलह के लिए उसने 50 करोड़ डॉलर की व्यवस्था कर रखी है।  (एजेंसी)

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.