साप्ताहिक समीक्षा : उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का शेयर 10 फीसदी लुढ़का

देश के शेयर बाजारों में गत सप्ताह गिरावट देखने को मिली। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु सेक्टर 10 फीसदी से अधिक लुढ़का।

मुंबई : देश के शेयर बाजारों में गत सप्ताह गिरावट देखने को मिली। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु सेक्टर 10 फीसदी से अधिक लुढ़का। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत सप्ताह 1.29 फीसदी या 251.30 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 19,177.93 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी इसी अवधि में 1.23 फीसदी या 72.6 अंकों की गिरावट के साथ 5,808.40 पर बंद हुआ।
गत सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से 10 शेयरों में तेजी रही। आरआईएल (3.89 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.04 फीसदी), एनटीपीसी (2.43 फीसदी), एलएंडटी (1.94 फीसदी) और सिप्ला (1.41 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे जिंदल स्टील (13.00 फीसदी), टाटा पावर (8.69 फीसदी), भेल (7.06 फीसदी), स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (6.85 फीसदी) और टाटा स्टील (6.11 फीसदी)।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गत सप्ताह तीन फीसदी से अधिक गिरावट रही। मिडकैप 3.24 फीसदी या 207.04 अंकों की गिरावट के साथ 6,180.98 पर और स्मॉलकैप 3.18 फीसदी या 189.86 अंकों की गिरावट के साथ 5,772.45 पर बंद हुआ।
गत सप्ताह बीएसई के 13 में से सिर्फ एक सेक्टर तेल एवं गैस (0.67 फीसदी) में तेजी रही। गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (10.72 फीसदी), धातु (5.47 फीसदी), रियल्टी (4.83 फीसदी), बिजली (3.54 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियां (3.21 फीसदी)।
गत सप्ताह मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 58.98 रुपये के रिकार्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। रुपये की कमजोरी से आयात महंगा होगा और इससे देश में महंगाई की सम्भावना बढ़ती है, जो आखिरकार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य ब्याज दर में कटौती की सम्भावना को धूमिल करती है। सरकार ने गुरुवार को अप्रैल महीने के लिए औद्योगिक उत्पादन विकास दर को बुधवार को घोषित दो फीसदी से संशोधित कर 2.3 फीसदी कर दिया।
शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक मूल्य आधारित (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर मई में घट कर 4.7 फीसदी रही, जो अप्रैल में 4.89 फीसदी थी। इसके साथ मौजूदा कारोबारी साल के पहले दो महीने के लिए यह दर 0.88 फीसदी रही, जो एक साल पहले 1.80 फीसदी थी। मार्च 2013 के लिए इस दर को संशोधित कर 5.96 फीसदी से 5.65 फीसदी किया गया।
बुधवार को वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने देश की साख रेटिंग के परिदृश्य को नकारात्मक से सुधार कर स्थिर कर दिया। एजेंसी ने इसका श्रेय देश की सरकार द्वारा की जा रही आर्थिक सुधार की कोशिशों को दिया। (एजेंसी)

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