हड़ताल पर श्रमिक संगठनों को सरकार की चेतावनी

केंद्रीय श्रमिक संगठनों की बुधवार से प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल के आह्वान को देखते हुये सरकार ने अपने कर्मचारियों को हड़ताल से दूर रहने की चेतावनी दी है।

नई दिल्ली : केंद्रीय श्रमिक संगठनों की बुधवार से प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल के आह्वान को देखते हुये सरकार ने अपने कर्मचारियों को हड़ताल से दूर रहने की चेतावनी दी है।
सरकार ने कहा है कि अगर कर्मचारी हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन्हें वेतन कटौती और अनुशासनात्मक कार्रवाई के रूप में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने कड़े निर्देश देते हुये सभी केंद्रीय मंत्रालयों के सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि वे प्रस्तावित हड़ताल के दौरान कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का अवकाश प्रदान नहीं करें।
कार्मिक विभाग ने संबंधित विभागों से प्रस्तावित हड़ताल में शामिल होने वाले वाले कर्मचारियों की अनुमानित संख्या के बारे में भी रिपोर्ट तैयार करने और शाम तक उसे डीओपीटी को भेजने को कहा है। डीओपीटी ने जो निर्देश जारी किया है, वह सरकारी कर्मचारियों को सामूहिक आकस्मिक अवकाश, धीमी गति से काम करने आदि समेत किसी भी प्रकार की हड़ताल में शामिल होने या केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 के नियम के उल्लंघन से जुड़े किसी भी प्रकार की हड़ताल में शामिल होने से मना करता है।
निर्देश में कहा गया है, ‘एसोसिएशन गठित करने के अधिकार में हड़ताल की गारंटी का अधिकार नहीं है। ऐसा कोई सांविधिक प्रावधान नहीं है जो कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने का अधिकार देता है।’ महंगाई तथा श्रम कानूनों के कथित उल्लंघन को लेकर 11 केंद्रीय श्रम संगठनों तथा कर्मचारी परिसंघों ने 20 फरवरी से दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है।
उच्चतम न्यायालय ने भी अपने कई निर्णयों में कहा है कि हड़ताल पर जाना आचरण नियमों के तहत गलत व्यवहार है और इस प्रकार के आचरण के लिये सरकारी कर्मचारियों के साथ कानून के अनुरूप निपटने की जरूरत है।
डीओपीटी ने कहा, ‘कोई भी कर्मचारी किसी भी रूप में हड़ताल पर जाता है, उसे उसका परिणाम भुगतान होगा। उसमें वेतन में कटौती तथा उपयुक्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।’
निर्देश में सरकारी विभागों के सचिवों से उनके अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने के लिये उनका मार्गदर्शन करने और आचरण नियमों के बारे में जानकारी देने को कहा है। इसमें कहा गया है, ‘आप आकस्मिक अवकाश या अन्य प्रकार की छुट्टी नहीं देने का निर्देश जारी कर सकते हैं। प्रस्तावित हड़ताल के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि जो कर्मचारी काम करना चाहते है। उन्हें कार्यालय परिसर में बिना किसी बाधा के प्रवेश की अनुमति हो।’
निर्देश के अनुसार मंत्रालय या विभागों के विभिन्न कामकाज के सुचारू तरीके से संचालन के लिये उपयुक्त आपात योजना तैयार की जा सकती है। (एजेंसी)

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