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नई दिल्ली : पोंजी योजनाओं के जरिये आम निवेशकों के साथ करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी को लेकर मचे होहल्ले के बीच वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि नियमन के क्षेत्र में कुछ कमियां हैं जिन्हें दूर किये जाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि समूचे वित्तीय क्षेत्र के लिये एक नया कानून बनाये जाने की दिशा में भी प्रयास किये जा रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा ‘मौजूदा व्यवस्था में कई क्षेत्र ऐसे छूट गये हैं जहां कोई भी नियामक प्रभारी नहीं है। हाल ही में विभिन्न प्रकार की पोंजी योजनायें हमारे सामने आईं, ये योजनाएं बड़ी चालाकी से नियामक एजेंसियों के दायरे से बाहर रखकर तैयार की गई।’
चिदंबरम ‘भारतीय वित्तीय संहिता’ (आईएफसी) पर आयोजित गोष्ठी में बोल रहे थे। संहिता को वित्तीय क्षेत्र कानून सुधार आयोग (एफएसएलआसी) ने तैयार किया है ताकि इस क्षेत्र से जुड़े कानून और नियमों को समय के अनुरूप बनाया जा सके। गोष्ठी का आयोजन इंस्टीच्यूट आफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया ने किया।
मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों में मौजूदा वित्तीय व्यवस्था में समय-समय पर बने त्वरित दबाव के बाद कुछ पहलें हुई और कानूनों में बदलाव किये गये। लेकिन ये कानून कुछ मुख्य उद्देश्यों को हासिल करने के लिये विशेष तौर पर व्यापक रुप में तैयार नहीं किये गये।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कई नियामक होने और उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं होने से बीच में फासले रह जाते हैं, कुछ चीजें छूट जाती हैं, कई बार नियामकों के अधिकार एक दूसरे से टकराते हैं। इससे मौजूदा गतिशील, जटिल और एक दूसरे से संबद्ध वित्तीय दुनिया में उभरने वाले अहम् मुद्दों से निपटने में कई बार समस्या खड़ी हो जाती है। (एजेंसी)