पाक-साफ होने के लिए IOA को 31 अक्तूबर तक का समय

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने आईओए के खिलाफ कड़ा रुख करते हुए ओलंपिक अभियान में वापसी के लिये भारतीय संस्था को संवैधानिक संशोधनों के जरिये 31 अक्तूबर तक अपने ‘अभियुक्त’ अधिकारियों को बर्ख्रास्त करने और 15 दिसंबर तक नये चुनाव कराने को कहा है।

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने आईओए के खिलाफ कड़ा रुख करते हुए ओलंपिक अभियान में वापसी के लिये भारतीय संस्था को संवैधानिक संशोधनों के जरिये 31 अक्तूबर तक अपने ‘अभियुक्त’ अधिकारियों को बर्ख्रास्त करने और 15 दिसंबर तक नये चुनाव कराने को कहा है।
पिछले महीने यहां हुई आईओए की कार्यकारी आम बैठक पर अपने ‘निष्कर्ष और फैसले’ देते हुए आईओसी ने कहा कि भारतीय संस्था ने उन व्यक्तियों को रोकने के महत्वपूर्ण प्रावधान की अनदेखी की जिनके खिलाफ अदालत में आरोप तय हो चुके हैं।
आईओसी के महानिदेशक क्रिस्टोफे डि केपर ने आईओए को लिखे पत्र में कहा, ‘भारतीय कानून प्रणाली में आरोपपत्र दायर किये गये व्यक्ति और आरोप तय किये गये व्यक्ति के बीच अंतर से आईओसी भली भांति वाकिफ है। शुरू में प्रस्तावित खंड में हमने कभी भी आरोपपत्र दायर व्यक्ति के लिये अनुरोध नहीं किया था। इसलिये दोबारा दोहराया जाता है कि शुरुआती शब्द उनके लिये लागू होते हैं जिन पर भारत में अदालत द्वारा आरोप तय किये गये हैं।’
इसके अनुसार, ‘आईओसी इस सिद्धांत का पूरा सम्मान करता है कि जब तक कोई दोषी साबित नहीं होता, वह निर्दोष होता है। हालांकि भारतीय अभियान की साख दांव पर है जिसे नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।’
आईओसी ने आईओए को इसी के अनुसार काम करने का आग्रह किया और जरूरी संवैधानिक बदलाव और नये चुनाव के लिये अंतिम तारीख तय की है। आईओसी ने कहा, ‘यह जरूरी है कि निलंबित आईओए आईओसी द्वारा अभियुक्त और दोषी व्यक्तियों दोनों के संबंध में प्रस्तावित शुरुआती शब्दों को शामिल करें। आईओसी के लिये आईओए को संशोधित संविधान को मंजूरी देना पहली शर्त है। इसके लिये निलंबित आईओए को आम सभा में 31 अक्तूबर से पहले फिर बैठक करनी चाहिए और जरूरी संशोधन करने चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो आईओसी आईओए के नये संविधान को मंजूरी दे सकता है, निलंबित आईओए इसके तुंरत बाद अपने चुनाव की बैठक कराने की हालत में पहुंच जायेगा जो 15 दिसंबर से बाद नहीं होना चाहिए।’
आईओसी ने यह भी साफ किया था कि इसके द्वारा प्रस्तावित उम्र और कार्यकाल की रोक सिर्फ अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष के लिये ही लागू नहीं होती बल्कि पूरी कार्यकारी परिषद के लिये लागू होती हैं।
इसके अनुसार, ‘इस पूरी प्रकिया के पूरी होने के बाद आईओसी कार्यकारी बोर्ड आईओए पर से निलंबन हटाने पर विचार करने की हालत में होगा।’
आईओसी ने कहा, ‘उम्मीद की जाती है कि निलंबित आईओए इसी के अनुरूप काम करेगा और इस स्वर्णिम मौके का फायदा उठाकर ओलंपिक अभियान के अंतर्गत सुशासन, नैतिकता और अखंडता के बुनियादी सिद्धांतों को लागू करने में तत्परता दिखायेगा।’
शीर्ष संस्था ने यह भी कहा कि उसे राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों के संघ और एशिया ओलंपिक परिषद का भी समर्थन प्राप्त था। गुरुवार को आईओसी ने आईओए का आरोपपत्र संबंधित समझौता फार्मूला खारिज कर दिया था। इससे भारत का ओलंपिक में लौटने का इंतजार बढ़ गया है, आईओसी अपनी शर्त पर कायम है जबकि आईओए ने अपना विरोधी रवैया बरकरार रखते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में भारतीय कानून अहम होता है। (एजेंसी)

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