विशाखापट्टनम : उदीयमान सलामी बल्लेबाज उन्मुक्त चंद ने फिर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन फाइनल के लिये बचाकर रखा और नाबाद शतक जड़ा जिसकी बदौलत दिल्ली ने रविवार को यहां असम को 75 रन से हराकर पहली बार विजय हजारे ट्राफी एकदिवसीय चैंपियनशिप जीती।
अंडर-19 विश्व कप और अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में शतक जड़ने वाले उन्मुक्त ने 133 गेंदों पर आठ चौकों और तीन छक्कों की मदद से 116 रन की लाजवाब पारी खेली। दिल्ली ने उनकी शतकीय पारी से नौ विकेट पर 290 रन बनाये और फिर ‘जाइंट किलर’ असम को 44.2 ओवरों में 215 रन पर ढेर कर दिया।
असम की तरफ से धीरज जाधव की दिल्ली के तेज और स्पिन मिश्रित आक्रमण का डटकर सामना कर पाये। उन्होंने सर्वाधिक 87 रन बनाये। डा. वाईएसआर रेड्डी एसीए वीडीसीए स्टेडियम की पिच पर इससे पहले के नाकआउट मैचों में बड़े स्कोर नहीं बने थे।
उन्मुक्त इन मैचों में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाये थे लेकिन उन्होंने फिर से खुद को बड़े मैचों का खिलाड़ी साबित किया। उन्होंने पहले क्रीज पर पांव जमाये और फिर मैदान के चारों तरफ स्ट्रोक खेले। उन्मुक्त और पुनीत बिष्ट (52) ने पहले विकेट के लिये 97 रन जोड़कर असम का टास जीतकर दिल्ली को पहले बल्लेबाजी का न्यौता देने का फैसला सही साबित नहीं करने दिया।
बिष्ट ने ध्रुव शोरे की जगह पारी का आगाज किया था जो मैच की सुबह क्षेत्ररक्षण का अभ्यास करते समय घायल हो गये थे। उन्होंने यह भूमिका अच्छी तरह से निभायी तथा अपनी पारी में 64 गेंदों का सामना करके पांच चौके और एक छक्का लगाया।
आनंद ने शुरू में तेजी दिखायी लेकिन बाद में उन्मुक्त ने आक्रामक रवैया अपनाया। उन्होंने असम के कप्तान अबू नाचीम अहमद पर छक्का जड़ने के बाद अगले ओवर में अरूप दास की गेंद भी छह रन के लिये भेजी। उन्मुक्त ने अरूप की गेंद पर ही प्वाइंट से चार रन के लिये भेजकर अपना शतक पूरा किया।
उन्होंने अपने दूसरे 50 रन केवल 40 गेंदों पर बनाये जिसमें तीन छक्के और दो चौके शामिल हैं। उन्मुक्त और आनंद की साझेदारी टूटने के बाद दिल्ली के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने तेजी से रन बनाने के प्रयास में विकेट गंवाये।
असम की तरफ से प्रीतम दास ने तीन और अरूप दास ने दो विकेट लिये। इससे पहले मध्यप्रदेश और मुंबई को हराने वाले असम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। वरुण सूद के बेहतरीन क्षेत्ररक्षण से असम ने प्रीतम देबनाथ का विकेट जल्दी गंवा दिया।
परविंदर अवाना ने पारी के सातवें ओवर में शिबशंकर राय (15) को भी पवेलियन भेज दिया। पल्लवकुमार दास (31) भी रन आउट होकर पवेलियन लौटे। जाधव ने दूसरे छोर से विकेट गिरने के बावजूद एक छोर संभाले रखा। उन्होंने नौवें नंबर के बल्लेबाज अबू नाचिम के साथ 43 गेंदों पर 53 रन की साझेदारी की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
दिल्ली की तरफ से कप्तान रजत भाटिया सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 36 रन देकर तीन विकेट लिये। अवाना और सूद ने दो-दो विकेट लिये। दिल्ली ने 2007-08 में रणजी ट्राफी चैंपियन बनने के बाद पहली बार कोई घरेलू टूर्नामेंट जीता है। (एजेंसी)
विजय हजारे ट्राफी
विजय हजारे ट्राफी : दिल्ली बनी चैंपियन, उन्मुक्त का शतक
उदीयमान सलामी बल्लेबाज उन्मुक्त चंद ने फिर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन फाइनल के लिये बचाकर रखा और नाबाद शतक जड़ा जिसकी बदौलत दिल्ली ने रविवार को यहां असम को 75 रन से हराकर पहली बार विजय हजारे ट्राफी एकदिवसीय चैंपियनशिप जीती।
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