हम फिक्सिंग पर रोक नहीं लगा सकते : BCCI

स्पॉट फिक्सिंग मामले में रॉजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों की कथित संलिप्तता के बाद बीसीसीआई ने रविवार को कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और खिलाड़ी यदि दोषी पाए जाते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। श्रीनिवासन ने कहा कि क्रिकेट में फिक्सिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

नई दिल्ली : स्पॉट फिक्सिंग मामले में रॉजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों की कथित संलिप्तता के बाद बीसीसीआई ने रविवार को कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और खिलाड़ी यदि दोषी पाए जाते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। श्रीनिवासन ने कहा कि क्रिकेट में फिक्सिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बीसीसीआई ने अपनी भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के प्रमुख रवि सावनी को जांच आयुक्त नियुक्त किया। उनसे जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिये कहा गया है।
श्रीनिवासन ने कहा, ‘हमने राजस्थान रॉयल्स के मालिकों को भी आमंत्रित किया था। उसके प्रबंधन ने बैठक में हिस्सा लिया और कार्यकारिणी को घटना के बारे में बताया। हमें बताया गया कि वे तीनों खिलाड़ियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘जब तक किसी को दोषी नहीं ठहराया जाता तब तक वे निर्दोष है। बीसीसीआई किसी को नहीं बचा रहा है लेकिन हमारी कार्रवाई साफ सुथरी होनी चाहिए। हम नियमों के अनुसार चलेंगे। यदि किसी को दोषी पाया जाता है तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।’
श्रीनिवासन ने कहा, ‘इसे (जांच) जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। यह आंतरिक जांच होगी। हमें पुलिस से कुछ सूचना की जरूरत पड़ सकती है। बाकी सावनी पर निर्भर है लेकिन जांच जल्द से जल्द पूरी की जाएगी। हम नैसर्गिक न्याय के सभी पहुलुओं पर गौर करेंगे। हमारी अपनी नियमावली है और बीसीसीआई की अपनी प्रणाली है।’
भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के बारे में बीसीसीआई प्रमुख ने कहा कि बोर्ड खिलाड़ियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिये प्रत्येक आईपीएल फ्रेंचाइजी के साथ सुरक्षा अधिकारी के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी नियुक्त करेगा। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि बोर्ड अब खिलाड़ियों के एजेंटों को मान्यता प्रदान करेगा।
श्रीनिवासन ने कहा, ‘कार्यकारिणी ने फैसला किया है कि खिलाड़ियों के सभी एजेंट बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त होंगे। प्रत्येक टीम के साथ सुरक्षा अधिकारी के अलावा एसीएसयू (भ्रष्टाचार निरोधक एवं सुरक्षा इकाई) अधिकारी होगा।’
उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। आईसीसी एसीएसयू के प्रमुख इससे निबटने के लिये बीसीसीआई को आवश्यक कदम उठाने के लिये उपाय बताएंगे।’
श्रीनिवासन ने कहा कि बोर्ड के पास सट्टेबाजों पर लगाम लगाने के लिये संसाधन नहीं है और वह केवल खिलाड़ियों की गतिविधियों पर नजर रख सकता है।
उन्होंने कहा, ‘हम खिलाड़ियों को किसी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं लेकिन कानून लागू करने वाली एजेंसी का काम नहीं कर सकते। जब सट्टेबाजों पर नियंत्रण की बात आती है तो हम कुछ नहीं कर सकते। इस तरह के टूर्नामेंटों में खिलाड़ियों पर निगरानी रखने और सतर्कता को मजबूत करने के लिये विस्तृत ज्ञापन भी मुझे सौंपा गया है।'
श्रीनिवासन ने कहा, ‘टूर्नामेंट से पहले सभी टीमों के खिलाड़ियों को शिक्षित करने के लिये एसीएसयू ने जो कदम उठाये थे उनके बारे में कार्यकारिणी को बताया गया।’
बीसीसीआई ने इन खिलाड़ियों को निलंबित कर दिया है। इन पर आईपीसी की धारा 420 ( धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत आरोप लगाये गए हैं। बोर्ड ने प्रथम श्रेणी क्रिकेटर अमित सिंह को भी निलंबित कर दिया है जो अब कथित रूप से सटोरिया है। उसे 16 मई को 10 अन्य सटोरियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। श्रीनिवासन ने इन बातों को भी नकार दिया कि आईसीसी से चेतावनी मिलने के बावजूद बोर्ड ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम नहीं उठाये।
उन्होंने कहा, ‘आईसीसी एसीएसयू ने आज पुष्टि की उन्होंने में कुछ नहीं बताया था। यह सूचना सही नहीं है।’ उन्होंने दावा किया कि बोर्ड को दिल्ली पुलिस से इस मामले में कोई जानकारी नहीं मिली थी। श्रीनिवासन ने कहा, ‘हम खिलाड़ियों पर लागू होने वाले नियमों के हिसाब से चलेंगे। हमने पुलिस से हमारी जांच पूरी करने के लिये सूचना मुहैया कराने का आग्रह भी किया है। हमने इस संबंध में दिल्ली पुलिस को भी मदद की पेशकश की है। यदि खिलाड़ी दोषी पाये जाते हैं तो हम बेरहम कार्रवाई करने से भी नहीं हिचकिचाएंगे।’ (एजेंसी)

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