दिल का दौरा कम करने की गारंटी नहीं HDL

भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक के नेतृत्व में हुए एक नए अध्ययन ने इस वैज्ञानिक धारणा को मिथक करार दिया है कि अच्छे कोलेस्ट्राल के तौर पर मशहूर उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) के बढ़ने से दिल के दौरे की आशंका घटती है।

लंदन : भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक के नेतृत्व में हुए एक नए अध्ययन ने इस वैज्ञानिक धारणा को मिथक करार दिया है कि अच्छे कोलेस्ट्राल के तौर पर मशहूर उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) के बढ़ने से दिल के दौरे की आशंका घटती है।

 

इस नए अध्ययन में अतीत के 20 अध्ययनों का विश्लेषण किया गया है जिससे दिल के दौरे के करीब 21 हजार मामले जुड़े हैं। लासेंट में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, निम्न घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या एलडीएल की मात्रा कम रखना ह्दय की सेहत के लिए अच्छा है लेकिन एचडीएल स्तर के बढ़ने से किसी को ह्दय रोग होने की आशंका में कोई फर्क नहीं पड़ता।

 

अध्ययन के नेतृत्वकर्ता एवं मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के सेकर कथिरेसन ने कहा, ‘ये नतीजे दिखाते हैं कि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के कुछ तरीके संभवत: माइकोकार्डियल इनफार्कशन (दिल का दौरा) के खतरों को नहीं घटा सके।’ कथिरेसन ने कहा, ‘इसलिए अगर दवा जैसा कोई हस्तक्षेप एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है तो हम अपने आप यह मान नहीं सकते कि माइकोकार्डियल इन्फार्कशन का खतरा घट जाएगा।’

 

एचडीएल कोलेस्ट्रॉल ‘अच्छे’ कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है क्योंकि अवलोकनात्मक अध्ययन में इसकी उच्च सांद्रता दिल के दौरे के निम्न खतरे से जुड़ी है, लेकिन यह अनिश्चित है कि यह जुड़ाव कारणात्मक है या नहीं। जहां, निम्न घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या एलडीएल या ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल की मात्रा गिराने से दिल के दौरे का खतरा घटता है, एचडीएल के स्तर के बढ़ने से किसी को ह्दय रोग होने की आशंका में गिरावट नहीं आती।
नए अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने विरासत में मिले एचडीएल कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि (एलआईपीजी 396सर अलेले के वाहक) वाले लोगों में दिल के दौरे के खतरों की तुलना की है जिनके बारे यह अपेक्षा थी कि उनमें दिल के दौरे की आशंका कम होगी।

 

इस बीच लैंसेट की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों ने दिल के दौरे की आशंका घटाने के लिए 50 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को नियमित रूप से स्टैटिन्स के सेवन की सलाह दी है। ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी के इस अध्ययन के अनुसार स्वस्थ लोगों में भी यह दिल के दौरे की आशंका घटती है। यह निष्कर्ष 1,75,000 लोगों पर किये गए अध्ययन से आया है। अध्ययन में पाया गया कि नियमित रूप से स्टैटिन्स का सेवन करने वालों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा 20 प्रतिशत घट जाता है। उल्लेखनीय है कि अभी स्टैटिन्स का सेवन वही लोग करते हैं जिन्हें दिल के दौरे के मामले में उच्च जोखिम वाला माना जाता है। (एजेंसी)

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