फिर से सौर प्रणाली का इतिहास

भौतिकविदों का दावा है कि हमारी सौर प्रणाली का इतिहास शायद कुछ बदल सकता है क्योंकि उसकी प्रारंभिक अवस्था के बारे में हमारी धारणाओं में बदलाव आ सकता है ।

वाशिंगटन: भौतिकविदों का दावा है कि हमारी सौर प्रणाली का इतिहास शायद कुछ बदल सकता है क्योंकि उसकी प्रारंभिक अवस्था के बारे में हमारी धारणाओं में बदलाव आ सकता है ।

 

अमेरिका के ‘डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी एरागान नेशनल लेबोरेटरी की शोध टीम ने ‘समारियम’ की नयी अर्ध आयु का पता लगाने के लिए ज्यादा आधुनिक और संवेदनशील उपकरणों का उपयोग किया है । इस तत्व के समस्थानिक (आइसटोप ) का उपयोग सौर प्रणाली के विकास के निर्धारण के लिए किया जाता है ।

 

शोधकर्ता दल के प्रमुख माइकल पॉल ने साइंस पत्रिका को बताया, ‘इसने सौर प्रणाली के प्रारंभिक दौर की घटनाओं, जैसे कि ग्रहों के निर्माण, की क्रमबद्धता का समय घटा कर कम कर दिया है ।’

 

उन्होंने बताया, ‘इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि धरती पर सबसे पुरानी चट्टान का निर्माण और पहले हुआ होगा। सौर प्रणाली के निर्माण के करीब 12 करोड़ वर्ष बाद । उदाहरण के लिए ग्रीनलैंड चट्टानें ।’

 

शोध के अनुसार हमारी सौर प्रणाली में सभी पिंडों का निर्माण कई अरब वर्ष पहले तारों की धूल से हुआ । इस धूल के कुछ भाग से बड़े सुपरनोवा विस्फोट हुए जिससे हमारे ज्यादातर भारी धातुओं का निर्माण हुआ । इन्हीं धातुओं में से एक है समारियन-146। समारियन-146 अस्थाई है और कभी-कभी कणों का उत्सर्जन करता है, जिससे परमाणु दूसरे तत्व में बदल जाता है । इससे कणों का उत्सर्जन लाखों वषरें में एक बार होता है । (एजेंसी)

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