'काबुल हमले में हक्कानी का हाथ संभव'

अफगानिस्तान के गृहमंत्री का कहना है कि काबुल में दूतावासों और संसद पर आत्मघाती हमलों में पाकिस्तान के हक्कानी नेटवर्क का हाथ होने का संदेह है।

काबुल : अफगानिस्तान के गृहमंत्री का कहना है कि काबुल में दूतावासों और संसद पर आत्मघाती हमलों में पाकिस्तान के हक्कानी नेटवर्क का हाथ होने का संदेह है। गृहमंत्री बिस्मिल्ला मोहम्मदी ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी और तीन अन्य शहरों में किये गये हमलों के दौरान गिरफ्तार एक आतंकवादी ने अधिकारियों को बताया कि अल-कायदा से जुड़ा हक्कानी नेटवर्क हमलों के पीछे हो सकता है।

 

मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि आतंकवादियों के सफाये के लिए 18 घंटे तक चले अभियान में 36 आतंकवादी और अफगान सुरक्षा बलों के आठ सदस्य मारे गये। मोहम्मदी ने कहा कि नांगरहार प्रांत में पकड़े गये एक अन्य आतंकवादी ने भी हक्कानी नेटवर्क के शामिल होने की पुष्टि की है।

 

अधिकारियों ने यह भी कहा कि हमलों पर हक्कानी नेटवर्क की छाप दिखाई दे रही थी जिनमें अफगान सरकार और विदेशी ठिकानों पर निशाना साधा गया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अधिकारियों के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान स्थित यह नेटवर्क वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच तनाव का कारण है। अधिकारियों के मुताबिक अमेरिकी सेना का ध्यान अब हक्कानी नेटवर्क पर बना हुआ है।

 

अखबार के मुताबिक हक्कानी नेटवर्क काबुल में पिछले दिनों हुए एक बड़े हमले में सीधे तौर पर शामिल था, जिसमें सितंबर में अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाया गया था। नाटो के प्रवक्ता कर्नल डेनियल जे डब्ल्यू किंग ने कहा,  इन पर हक्कानियों की हर तरह की छाप दिखाई देती है। काबुल पर हक्कानियों ने 150 दिन पहले ही हमला किया था, जिसमें सफल हुए थे।

 

काबुल में अमेरिकी राजदूत रियान सी. क्रोकर ने कहा कि इस तरह के हमले अमेरिकियों के पक्ष को मजबूत करते हैं जो तब तक रुके हुए हैं जब तक अफगान बल अपने दम पर हालात का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हो जाते।

 

पूर्वी अफगानिस्तान में कुछ इलाकों में तालिबान का असर होने की बात स्वीकार करते हुए क्रोकर ने कहा, यह पाकिस्तान में क्षमताओं और सुरक्षित पनाहगारों के साथ बहुत खतरनाक दुश्मन है। राजदूत ने कहा कि अफगान बलों की सुरक्षा पर पूरी तरह पकड़ होने में अभी कुछ साल लगेंगे, उससे पहले तालिबान, हक्कानी और अल-कायदा एक और 9/11 की तैयारी कर सकते हैं और यह किसी भी अमेरिकी के लिए अस्वीकार्य खतरा है।  (एजेंसी)

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