बाघ नीचे थे इसलिए पेड़ पर चार दिन टंगे रहे

इंडोनेशिया के जंगलों में एक विशेष लकड़ी की तलाश में गए पांच लोगों ने उस समय चार दिनों तक भूख प्यासे एक पेड़ पर चढ़े रहकर जैसे तैसे अपनी जान बचाई जब सुमात्रा के बाघों ने उन्हें चारों से घेर लिया।

बांदा आसेह (इंडोनेशिया) : इंडोनेशिया के जंगलों में एक विशेष लकड़ी की तलाश में गए पांच लोगों ने उस समय चार दिनों तक भूख प्यासे एक पेड़ पर चढ़े रहकर जैसे तैसे अपनी जान बचाई जब सुमात्रा के बाघों ने उन्हें चारों से घेर लिया। पुलिस ने बताया कि वन्यजीव विशेषज्ञों की मदद से बाघों को पेड़ से दूर भेजकर लोगों को बचाया गया।
छह लोगों का समूह एक विशेष लकड़ी की तलाश में जंगल गया था। उन्होंने अपने भोजन के लिए हिरण पकड़ने के मकसद से जाल बिछाया था जिसमें गुरवार को बाघ का एक बच्चा फंस गया और उन्होंने गलती से उसे मार डाला था। इससे गुस्साए बाघों ने लोगों पर हमला कर दिया जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। शेष पांचों लोग अपनी जान बचाने के लिए चार दिनों तक पेड़ पर चढ़े रहे जबकि इस दौरान बाघ उनके पेड़ को चारों ओर से घेरे रहे।
पुलिस ने बताया कि चार दिनों के इस कटु और भयानक अनुभव के कारण पांचों लोग भूखे, प्यासे और बुरी तरह डरे हुए थे। पुलिस और सैनिकों समेत 30 जवानों की टीम जब सुमात्रा द्वीप के उत्तर में रविवार को जंगल के बीचों बीच पहुंची तो उसने देखा कि हिंसक बाघ अब भी पेड़ के चक्कर काट रहे थे।
बचाव दल की बाघों का मुकाबला करने की हिम्मत नहीं हुई तो उन्होंने जानवरों को काबू करने वाले तीन स्थानीय विशेषज्ञों को बुलाया। जिला पुलिस प्रमुख डिकी सोंडानी ने से कहा, ‘ बचाव दल पीछे खड़ा रहा जबकि जानवरों को काबू करने और उन्हें प्रशिक्षण देने वाले लोग बाघों के पास गए और उन्होंने कुछ मंत्र बोले। इसके बाद बाघ वहां से चले गए। ’ उन्होंने बताया कि पेड़ पर चढ़े लोग भूख-प्यास से बेहाल थे। वे बारिश का पानी पीकर जी रहे थे। सोंडनी ने बताया कि लोगों के समूह को आसेह प्रांत में स्थित उनके गांव ले जाया जा रहा है। (एजेंसी)

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