मिस्र में मोरसी विरोधी प्रदर्शनों में पांच की मौत

मिस्र में इस्लामी राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी के इस्तीफे की मांग को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर हुए भारी विरोध प्रदर्शनों में कम से कम पांच लोग मारे गए और सैंकड़ों अन्य घायल हो गए।

काहिरा : मिस्र में इस्लामी राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी के इस्तीफे की मांग को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर हुए भारी विरोध प्रदर्शनों में कम से कम पांच लोग मारे गए और सैंकड़ों अन्य घायल हो गए। मीडिया ने इसे सर्वाधिक आबादी वाले इस अरब देश के इतिहास में अब तक का सबसे विशाल प्रदर्शन बताया है।
यहां मिस्र की राजधानी में हजारों लोग कल ऐतिहासिक तहरीर स्क्वेयर पर एकत्र हुए जो वर्ष 2011 में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का प्रतीक बन गया था। राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी ‘तामरोद’ (विद्रोही) के बैनर तले एकत्र हुए। इस संगठन ने मोरसी के इस्तीफे की मांग और चुनावों को रद्द करने को लेकर एक हस्ताक्षर अभियान चला रखा है। मोरसी का हाल ही में कार्यालय में एक वर्ष पूरा हुआ है ।
सत्तारूढ़ मुस्लिम ब्रदरहुड आंदोलन के काहिरा स्थित मुख्यालय पर हुए संघर्ष में कम से कम एक व्यक्ति मारा गया। देश में हिंसा फैलने की आशंका बढ़ गयी है। चार अन्य प्रदर्शनकारी विभिन्न स्थानों पर हुए प्रदर्शनों में मारे गए। प्रदर्शनों में उदारवादी और धर्मनिरपेक्ष विपक्षी समूह शामिल हैं। प्रदर्शनों में करीब 250 लोग घायल हुए हैं।
मोरसी की आर्थिक और राजनीतिक नीतियों से गुस्साए हजारों आम मिस्रवासियों ने भी रैलियों में हिस्सा लिया और इसे मिस्र के इतिहास में सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया। इन आंकड़ों की पुष्टि के लिए कोई स्वतंत्र ईकाई हालांकि उपलब्ध नहीं हुई लेकिन इसके बावजूद कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों ने इसे विश्व इतिहास का सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया है।
विपक्षी नेशनल साल्वेशन फ्रंट ने कहा है कि प्रदर्शनकारी शासकों के सत्ता छोड़ने तक सड़कों पर रहेंगे। विपक्षी कार्यकर्ताओं का दावा है कि आठ करोड़ 40 लाख की आबादी वाले देश में दो करोड़ 20 लाख लोगों ने याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं और उन्होंने हस्ताक्षर करने वालों से तहरीर चौक पर आने की अपील की है। हजारों लोगों ने प्रदर्शनों के तहत तहरीर चौक पर रात गुजारी जो अरब क्रांति का प्रतीक रहा है और जिसके चलते सबसे लंबे समय तक देश के राष्ट्रपति रहे हुस्नी मुबारक को वर्ष 2011 में सत्ता छोड़नी पड़ी थी। मौजूदा प्रदर्शन मोरसी के देश का पहला इस्लामी राष्ट्रपति चुने जाने की पहली वषर्गांठ पर हो रहे हैं।
61 वर्षीय मोरसी के विरोधियों का कहना है कि वह आर्थिक और सुरक्षा समस्याओं को सुलझाने में नाकाम रहे हैं। आलोचकों का यह भी कहना है कि उन्होंने देश के व्यापक हितों के विपरीत अपने मुस्लिम ब्रदरहुड के एजेंडे को वरीयता दी है। काहिरा के अलावा अलेक्सांद्रिया, कफ्र अल शेख, देसौक सिटी, सिदी सलेम , देमियता , गरबिया , स्वेज , मोनाफिया , शरकिया तथा अन्य शहरों में भी प्रदर्शन हुए। राष्ट्रपति के समर्थक भी अपनी रैलियां कर रहे हैं। मुस्लिम ब्रदरहुड की राजनीतिक शाखा, फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी का दावा है कि मोरसी समर्थक गठबंधन सत्ता में बना रहेगा।
उधर मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय ने सभी राजनीतिक दलों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की है और साथ ही जोर देकर कहा है कि गतिरोध को दूर करने का वार्ता एकमात्र रास्ता है। (एजेंसी)

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