बीजिंग : चीनी मीडिया ने ‘भारत के राष्ट्रीय गौरव की भावना’ को समझने और उसका सम्मान करने की वकालत करते हुए कहा है कि अगर भारत एक और जापान या फिलीपीन बन गया तो चीन के ‘आसपास का वातावरण’ प्रभावित होगा।
चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग की भारत यात्रा के अवसर पर चीन के आधिकारिक मीडिया चीन-भारत के संबंधों के विश्लेषणों से भरे हुए हैं। एक टैबलॉयड ‘द ग्लोबल टाइम्स’ ने ‘मीडिया हाइप के पार चीन-भारत संबंधं’’ शीषर्क से अपना संपादकीय लिखा है। लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी ने चीनी सेना के घुसपैठ से हाल ही में उत्पन्न मतभेद की पृष्ठभूमि में उसने लिखा है कि द्विपक्षीय संबंध में कई कमजोरियां हैं जिनका बाहर के लोग फायदा उठा सकते हैं। परस्पर विश्वास नहीं होने पर छोटे मतभेदों को भी बढ़ाया जा सकता है। चीन की सेना भारत की सीमा में 19 किलोमीटर तक अंदर घुस आई थी।
अखबार ने लिखा है कि भारत के राष्ट्रीय गौरव की भावना मजबूत है लेकिन चीनी समाज उसे समझना नहीं चाहता। चीन के लोगों में भारत के प्रति समझ और सम्मान की कमी है। वे इसे पूर्वाग्रहों और गलत-कल्पनाओं के आधार पर देखते हैं। उसने लिखा है कि चीन के साथ बराबरी के साथ चलने की संभावना वाला देश भारत, यदि चीन के प्रति अपने नीतियों के मामले में दूसरा जापान या फिलीपीन बन जाएगा तो उसके (चीन के) आसपास के वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि कुछ द्वीपों को लेकर इन दिनों जापान और फिलीपीन के साथ चीन के संबंध अच्छे नहीं चल रहे हैं। (एजेंसी)
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`भारत के राष्ट्रीय गौरव की भावना का सम्मान करें`
चीनी मीडिया ने ‘भारत के राष्ट्रीय गौरव की भावना’ को समझने और उसका सम्मान करने की वकालत करते हुए कहा है कि अगर भारत एक और जापान या फिलीपीन बन गया तो चीन के ‘आसपास का वातावरण’ प्रभावित होगा।
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