कोलंबिया (दक्षिण केरोलीना) : दुनिया की सबसे पुरानी परंपराओं के दस्तावेजीकरण के लिए एक हजार विद्वानों द्वारा पूरे 25 साल तक की गई मेहनत रंग लाई जब ‘हिंदू धर्म के विश्वकोष’ का मंगलवार को विमोचन किया गया।
इंडिया हेरिटेज रिसर्च फाउंडेशन द्वारा तैयार की गई 11 खंडों की इस प्रतीक्षित किताब का सदर्न कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के परिसर में विमोचन किया गया। इस अवसर पर सैंकड़ों विद्वान, प्रतिष्ठित लोग, विद्यार्थी, हिंदू नेता और आम नागरिक उपस्थित थे।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों में दक्षिण केरोलीना के गर्वनर निकी हेली, अटलांटा के भारतीय वाणिज्य दूत अजीत कुमार और सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे शामिल थे।
इस अवसर पर दो दिन के कार्यक्रम में भारत के शीर्ष विद्वानों ने विश्वकोष के महत्व और दुनिया भर में एक अरब से भी ज्यादा लोगों को बांधकर रखने वाली भारतीय संस्कृति की विविधता एवं समृद्धि पर चर्चा की।
इस अवसर पर ‘हिंदुधर्म के विश्वकोष’ का अंतर्राष्ट्रीय संस्करण जारी किया गया। इससे पहले 2010 में ऋषीकेश में तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने इसका भारतीय संस्करण जारी किया था। अमेरिका में जारी यह विश्वकोष अंग्रेजी में लिखा गया है और इसमें हिंदू धर्म व इसकी मान्यताओं के बारे में लगभग 7000 लेख हैं।
इसमें भारतीय इतिहास, भाषाओं, कला, संगीत, नृत्य, स्थापत्य कला, दवाओं और महिलाओं से जुड़े मसलों की भी चर्चा की गई है। इसमें 1000 से ज्यादा दृष्टांत और तस्वीरें हैं। विश्वकोष के खंडों में पृष्ठों की संख्या 600 से लेकर 700 से ज्यादा तक है। पहले संस्करण की लगभग 3000 प्रतियां छापी जा रही हैं।
प्यू शोध केंद्र की अध्ययन के अनुसार, हिंदू धर्म विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। इसके लगभग एक अरब अनुयायी हैं। ईसाई धर्म के 2.2 अरब अैर इस्लाम के कुल 1.6 अरब अनुयायी हैं। (एजेंसी)
हिंदू धर्म
25 साल में तैयार हिंदू धर्म का विश्वकोष US में जारी
दुनिया की सबसे पुरानी परंपराओं के दस्तावेजीकरण के लिए एक हजार विद्वानों द्वारा पूरे 25 साल तक की गई मेहनत रंग लाई जब ‘हिंदू धर्म के विश्वकोष’ का मंगलवार को विमोचन किया गया।
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