मुंबई : रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के आलीशान घर ‘एंटिलिया’ पर सीबीआई जांच की तलवार लटकने लगी है. महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विकास एवं वक्फ मंत्री मोहम्मद आरिफ (नसीम) खान ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि विधि व न्याय विभाग की राय लेने के बाद सीबीआई जांच के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को 25 जुलाई को गृह विभाग के पास उसके विचार को जानने के लिए भेज दिया है.
‘एंटिलिया’ के निर्माण के लिए वक्फ की भूमि बेचे जाने का आरोप है.
बिजनेस टायकून मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटिलिया’ से संबंधित तारांकित प्रश्न विधानसभा में विरोधी दल नेता एकनाथ खडसे व कुछ अन्य विधायकों ने पूछा था. जिसके लिखित जवाब में नसीम खान ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2010 को इस मामले की सीबीआई जांच कराने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा था. उन्होंने स्वीकारा कि जिस जमीन पर ‘एंटिलिया’ का निर्माण किया गया है, वह खोजा मुस्लिम समुदाय के बच्चों के शैक्षणिक संस्थान के लिए आरक्षित थी. जिसे करीबभाई इब्राहिम भाई खोजा अनाथालय (ट्रस्ट) ने जुलाई 2002 में एंटिलिया कामर्शियल प्राइवेट लि. को 21.5 करोड़ में बेच दिया. इसके साथ ही वक्फ मंत्री नसीम खान का यह भी कहना है कि इस खरीद-फरोख्त के सौदे को 27 अगस्त 2002 को चैरिटी कमिश्नर ने स्वीकृति दी हुई है, जबकि वक्फ बोर्ड की जमीन होने के बावजूद उसकी अनुमति नहीं ली गई है.
महाराष्ट्र के वक्फ बोर्ड मंत्री नसीम खान द्वारा विधानसभा में दिए गए लिखित जवाब के अनुसार, वक्फ बोर्ड ने 22 अप्रैल 2004 को एंटिलिया कामर्शियल प्राइवेट लि. को नोटिस जारी किया था और पूछा था कि क्यों न यह जमीन वक्फ बोर्ड को वापस कर दी जाए. जिसके बाद करीबभाई इब्राहिम भाई खोजा अनाथालय (ट्रस्ट) ने बोर्ड के बैंक खाते में 16 लाख रुपए जमा कराए. इसके बाद 23 मार्च 2005 को बोर्ड ने अपनी नोटिस को वापस ले लिया. ध्यान रहे कि विधानसभा में विरोधी दल नेता खडसे का आरोप है कि 500 करोड़ रुपए की जमीन एंटिलिया कामर्शियल प्राइवेट लि. को महज 21 करोड़ रुपए में बेची गई है.
‘एंटिलिया’ की सीबीआई जांच के मुद्दे पर वक्फ बोर्ड मंत्री नसीन खान संदेह के घेरे में आ गए हैं.