अन्ना फिर 11 दिसंबर को देंगे धरना

लोकपाल मुद्दे पर दवाब बढ़ाते हुए अन्ना हजारे ने तय किया है कि विधेयक पर अगर संसद की स्थायी समिति के प्रस्ताव उनकी संतुष्टि के अनुरूप नहीं होंगे तो वे 11 दिसम्बर को यहां धरना देंगे ।

नई दिल्ली : लोकपाल मुद्दे पर दवाब बढ़ाते हुए अन्ना हजारे ने तय किया है कि विधेयक पर अगर संसद की स्थायी समिति के प्रस्ताव उनकी संतुष्टि के अनुरूप नहीं होंगे तो वे 11 दिसम्बर को यहां धरना देंगे ।

 

टीम अन्ना ने कहा कि विधेयक में अगर कड़े प्रस्ताव नहीं हुए तो 74 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता जंतर मंतर पर एक दिन के धरने पर बैठेंगे ।

 

टीम के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा ‘ सबकुछ स्थायी समिति के प्रस्तावों पर निर्भर करता है । स्थायी समिति की सिफारिशों पर निर्भर करता है कि वे 11 दिसम्बर को धरने पर बैठते हैं अथवा नहीं । ’

 

अन्ना के हवाले से उनके नजदीकी सहयोगी सुरेश पठारे ने कहा ‘ कृपया एक मजबूत लोकपाल विधेयक के लिये 11 दिसम्बर को जंतर मंतर में धरने में शामिल हों ।’

 

उम्मीद की जा रही है कि विधेयक पर संसदीय समिति 7 दिसम्बर को रिपोर्ट सौंप देगी । टीम अन्ना विधेयक के दायरे में निचली नौकरशाही उच्च न्यायपालिका सिटीजन चार्टर के लिये प्रावधान तथा राज्य स्तर पर लोकायुक्त लाना चाहती है।

 

इस बीच अन्ना हजारे के विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम को लेकर सोमवार को भ्रम की स्थिति रही क्योंकि एमसीडी के एक प्रमुख पदाधिकारी ने कहा कि नगर निगम ने इसका आयोजन रामलीला मैदान में करने की इजाजत नहीं दी है जबकि अन्ना पक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें इसके लिए मंजूरी मिल गई है। एमसीडी की स्थायी समिति के अध्यक्ष योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि हजारे को अगले महीने विरोध प्रदर्शन करने के लिए रामलीला मैदान का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी गई है।

 

अन्ना पक्ष ने कहा कि संसद के इस शीतकालीन सत्र में मजबूत लोकपाल विधेयक पारित नहीं किया गया तो हजारे विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे।

 

अन्ना पक्ष के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि उन्हें विरोध प्रदर्शन के लिए 27 दिसम्बर से पांच जनवरी तक मैदान का इस्तेमाल करने की इजाजत मिली है, भाजपा के वरिष्ठ स्थानीय नेता चंदोलिया ने कहा, ‘‘अभी तक कोई इजाजत नहीं दी गई है।’

 

हालांकि एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इजाजत देने से इनकार नहीं किया गया है। ‘लेकिन इजाजत अभी दी भी नहीं गई है। हमें अन्ना पक्ष की ओर से एक आवेदन मिला है जिसमें कहा गया है कि वे मैदान के इस्तेमाल की अनुमति चाहते हैं।’

 

अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि वे शीतकालीन सत्र के बाद मैदान चाहते हैं। कोई तिथि नहीं बतायी गई है। हम उनके अनुरोध पर विचार कर रहे हैं। मैदान को किसी ने बुक नहीं कराया, उन्हें मैदान मिल सकता है।’’

 

अन्ना पक्ष के प्रमुख सदस्य मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘हमने एससीडी से 27 दिसम्बर से इजाजत मांगी है और हमें मैदान को पांच जनवरी तक इस्तेमाल करने की इजाजत मिल गई है।’

 

अन्ना पक्ष के सूत्रों ने कहा कि उन्हें एमसीडी से इजाजत मिल गई है लेकिन यह दिल्ली पुलिस की ओर से ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ पर निर्भर करता है। तिथि के लिए मैदान बुक हो गया है। मैदान इस्तेमाल की इजाजत पुलिस की ओर से अनपत्ति प्रमाणपत्र पर निर्भर करेगी। हमें इस संबंध में एमसीडी की ओर से लिखित आश्वासन मिल गया है।’

 

उन्होंने कहा कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने सहित अधिकांश मुद्दों पर व्यापक सहमति  के साथ समिति ने 24 नवम्बर को आंतरिक चर्चा पूरी कर ली । (एजेंसी)

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