उत्तराखंड बाढ़ : खराब मौसम ने फिर से रोका रेस्कयू ऑपरेशन

उत्तराखंड में खराब मौसम ने एक बार फिर महत्वपूर्ण बचाव अभियान को बाधित कर दिया है। केदारनाथ और गुप्तकाशी में बारिश के कारण मलबा हटाने और उसके नीचे दबे शवों को बाहर निकालने के प्रयासों में रूकावट आयी है।

देहरादून : बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड में खराब मौसम ने एक बार फिर महत्वपूर्ण बचाव अभियान को बाधित कर दिया है। केदारनाथ और गुप्तकाशी में रूक-रूक कर होने वाली बारिश के कारण मलबा हटाने और उसके नीचे दबे शवों को बाहर निकालने के प्रयासों में रूकावट आयी है। इसके साथ ही भागीरथी नदी में जलस्तर लगातार बढ़ने से समस्या और बढ़ गई है। नदी किनारे रहने वाले 70 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा उत्तरकाशी का दौरा करने वाले हैं लेकिन खराब मौसम के कारण उनका विमान उड़ान नहीं भर सका और वह देहरादून में मौसम साफ होने का इंतज़ार कर रहे हैं। बचाव कार्य अब अपने अंतिम चरण में है और अब राहत एवं बचाव दलों का ध्यान बद्रीनाथ में फंसे करीब 1400 तीर्थयात्रियों को बाहर निकालने पर है। हेलीकॉप्टर शेष तीर्थयात्रियों को बाहर निकालने के लिए बद्रीनाथ के लिए रवाना हो गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बद्रीनाथ में कुछ यात्री फंसे हुए हैं और अब उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकालने और बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों के प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने पर ध्यान दिया जा रहा है। सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने केदारघाटी में बचाव अभियानों के समापन की घोषणा करते हुए कहा था कि अब पूरा ध्यान बद्रीनाथ में फंसे तीर्थयात्रियों को बाहर निकालने पर होगा। उन्होंने कहा था कि सेना के जवान तब तक उत्तराखंड में रहेंगे जब तक प्रभावित इलाकों से सभी जीवित लोगों को सुरक्षित बाहर नहीं लिया जाता।
बहुगुणा ने बद्रीनाथ में फंसे लोगों के परिजन को भरोसा दिलाया था कि उन्हें भोजन एवं चिकित्सकीय सहायता जैसी आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति की जाएगी। बाढ के कारण पिछले करीब दो सप्ताह से अन्य हिस्से से कट चुके गांवों में राहत सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों के 600 से अधिक गांवों में अनाज समेत आवश्यक वस्तुओं का अभाव होने की सूचना मिली है।
बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित केदारनाथ इलाके में महामारी फैलने का खतरा कम करने के लिए शवों के अंतिम संस्कार का कार्य जारी है। अब तक 34 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है और मलबे से निकाले गए 12 और शवों का अंतिम संस्कार भी जल्द ही किया जाएगा।
इस बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के विशेषज्ञों का एक दल बाढ़ के प्रकोप से केदारनाथ मंदिर को हुए नुकसान का जायज़ा लेने और इसे फिर से पहले जैसा रूप देने के लिए जरूरी चीजों का अध्ययन करने के मकसद से इस पवित्र धाम का दौरा करेगा। इस टीम में देहरादून और दिल्ली के पांच विशेषज्ञ होंगे। राज्य सरकार ने तीर्थस्थल को हुए नुकसान के आंकलन के लिए एएसआई की मदद मांगी थी। (एजेंसी)

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