कोलगेट: एएसजी हरेन रावल के पत्र से मचा तूफान

कोलगेट प्रकरण में अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) हरेन रावल से इस्‍तीफा मांगा गया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार हरेन रावल के कदम से नाराज है। गौर हो कि रावल ने कोर्ट में कहा था कि स्‍टेटस रिपोर्ट साझा नहीं की गई थी। रावल के बयान के बाद सीबीआई को कोर्ट में एफिडेविट देने को कहा गया था।

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो
नई दिल्‍ली : कोलगेट प्रकरण में अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) हरेन रावल से इस्‍तीफा मांगा गया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार हरेन रावल के कदम से नाराज है। गौर हो कि रावल ने कोर्ट में कहा था कि स्‍टेटस रिपोर्ट साझा नहीं की गई थी। रावल के बयान के बाद सीबीआई को कोर्ट में एफिडेविट देने को कहा गया था।
सूत्रों के अनुसार, इस बात को लेकर विवाद चल ही रहा था कि सरकार ने कोयला घोटाले की सीबीआई जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी या नहीं, कि इसी बीच समझा जाता है कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल हरेन रावल ने दावा किया है कि इस पूरे मामले में उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया गया है। सूत्रों ने बताया कि रावल ने अटार्नी जनरल जीई वाहनवती को लिखे पत्र में यह दावा किया है। बताया जाता है कि इस पत्र में रावल ने वाहनवती पर सीबीआई की जांच रिपोर्ट में हस्तक्षेप की कोशिश करने का आरोप लगाया है। यह भी आरोप है कि वाहनवती ने सीबीआई की ड्राफ्ट रिपोर्ट में बदलाव करवाए। ड्राफ्ट रिपोर्ट में बदलाव का आदेश कानून मंत्री ने भी दिया।
रावल ने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है जब मंगलवार को उच्चतम न्यायालय की अहम सुनवाई होनी है। उच्चतम न्यायालय सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा के हलफनामे तथा कोयला ब्लॉक आवंटन जांच पर एजेंसी की स्थिति रिपोर्ट पर गौर करेगा। यह रिपोर्ट कानून मंत्री अश्वनी कुमार तथा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ साझा की गई थी। सीबीआई की ओर से उच्चतम न्यायालय में पेश होते हुए रावल ने जो बात कही थी, सिन्हा के हलफनामे में उसके बिल्कुल विपरीत बात है। रावल ने दावा किया कि सीबीआई द्वारा अपनाए जाने वाले रुख में वाहनवती शामिल हैं और उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है।
रावल ने कहा था कि कोयला आवंटन में कथित अनियमितता पर सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट न्यायाधीशों को सीलबंद लिफाफे में दी गई और और उसे सरकार में किसी से साझा नहीं किया गया। शीर्ष अदालत में रावल के ऐसा कहने के बाद से सीबीआई निजी वकील यू ललित की सेवा ले रही है। असहज स्थिति में डाल देने वाली स्वीकारोक्ति के तहत सीबीआई निदेशक ने पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय में दायर दो पृष्ठ के अपने हलफनामे में कहा था कि कोयला आवंटन घोटाले पर उसकी मसौदा स्थिति रिपोर्ट कानून मंत्री तथा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ साझा की गई।
उससे पहले उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई प्रमुख से लिखित में यह बताने को कहा था कि उक्त दस्तावेज राजनीतिक कार्यपालिका में किसी को दिखाया नहीं गया था। इस बीच, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वाहनवती को लिखे रावल के पत्र पर चर्चा करने के लिए आज रात सालिसिटर जनरल मोहन पारासरन और कानून मंत्री अश्वनी कुमार से मुलाकात की।

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