नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने अपने बयान पर उठे तूफान के चलते मंगलवार को कहा कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद एवं दाउद इब्राहिम के बीच तुलना नहीं की थी और अपनी टिप्पणी से लोगों की भावना आहत होने पर वह गहरा खेद प्रकट करते हैं ।
उन्होंने एक बयान में कहा कि मैं दोहराना चाहूंगा कि मैंने कभी भी स्वामी विवेकानंद की किसी से तुलना नहीं की । स्वामी विवेकानंद को गलत परिप्रेक्ष्य में पेश करने का मेरा कोई इरादा नहीं था ।
गडकरी ने कहा कि यदि स्वामी विवेकानंद के बारे में मेरे शब्दों से किसी भी तरह लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं गहरा खेद व्यक्त करता हूं । रविवार को भोपाल में एक भाषण के दौरान स्वामी विवेकानंद और दाउद इब्राहिम के आईक्यू संबंधी गडकरी के बयान पर राजनीतिक हल्कों में जबर्दस्त विवाद छिड़ गया था ।
गडकरी ने अपने भाषण में कथित तौर पर कहा था कि यदि मनोविज्ञान के अनुसार हम स्वामी विवेकानंद और दाउद इब्राहिम के आईक्यू स्तर की तुलना करें तो यह समान हो सकता है । लेकिन विवेकानंद ने इसे राष्ट्र निर्माण, भाईचारे और आध्यात्म के लिए इस्तेमाल किया था, जबकि दाउद ने अपराध की दुनिया में इसका इस्तेमाल किया । आज भाजपा ने स्पष्ट किया कि स्वामी विवेकानंद पार्टी में हर किसी के लिए हमेशा से प्रेरणा का स्रोत रहे हैं ।
गडकरी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के प्रति मेरे मन में जो आदर है, वह किसी और के लिए नहीं है । उस परिप्रेक्ष्य में मैंने स्वामी विवेकानंद का जिक्र किया था कि उन्होंने अपने ज्ञान का इस्तेमाल मानवता के कल्याण के लिए किया । उन्होंने कहा कि यह जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है कि मेरे शब्दों को भ्रम पैदा करने के लिए संदर्भ से परे पेश किया गया है । (एजेंसी)