नकारात्मकता बिगाड़ सकती है भारत की छवि : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कहा कि वाणिज्यिक संस्थानों की संलिप्तता से बड़े पैमाने पर होने वाले भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कानून में बदलाव किया जाएगा

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कहा कि वाणिज्यिक संस्थानों की संलिप्तता से बड़े पैमाने पर होने वाले भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कानून में बदलाव किया जाएगा, जबकि ईमानदार लोक सेवकों का बेहतर तरीके से संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
सीबीआई के 19वें सालाना सम्मेलन और भ्रष्टाचार निरोधक इकाइयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि सार्वजनिक प्राधिकारों के काम काज में ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सरकार सब कुछ करेगी। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि भ्रष्टाचार पर नकारात्मकता का विवेकहीन माहौल और निराशावाद देश की छवि और कार्यपालिका के मनोबल को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा, ‘भ्रष्ट गतिविधियों के लिए नए तौर तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि पिछले दो दशक में तीव्र आर्थिक विकास ने भ्रष्टाचार के नए तरीके पैदा किए हैं।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में संशोधन पर विचार सिर्फ इसके प्रावधानों पर न्यायिक फैसलों को लेकर नहीं किया जा रहा है, बल्कि कानून में कुछ खामियों को दूर करने और इसे अंतरराष्ट्रीय तर्ज पर करने के लिए भी किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अनुभवों से पता चलता है कि ज्यादातर मामलों में आपसी सहमति से हुई रिश्वतखोरी से निपटने में मुश्किल होती है और रिश्वत देने वाला अधिनियम के प्रावधानों का सहारा लेकर साफ बच निकलता है। अनुभवों से यह भी पता चला है कि बड़े पैमाने पर होने वाले भ्रष्टाचार ज्यादातर वाणिज्यिक संस्थानों के काम काज से जुड़े हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि कानून में प्रस्तावित बदलाव में इन सब बातों पर ध्यान दिया जाएगा।
सिंह ने कहा कि रिश्वतखोरी पर लगाम लगाने में कॉरपोरेट नाकामी को एक नए अपराध के तौर पर शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में किस तरह का संशोधन किया जाए ताकि ईमानदार लोक सेवकों का और अधिक प्रभावी तरीके से बचाव हो सके।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन, कोयला ब्लॉक आवंटन और राष्ट्रमंडल खेल आयोजन घोटालों को लेकर सरकार पर चारों ओर से हमले हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, संशोधन के जरिए भ्रष्टाचार शब्द के लिए एक स्पष्ट एवं असंदिग्ध परिभाषा दी जाएगी, जिसके दायरे में आपूर्ति एवं मांग पक्ष भी शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं ईमानदार अधिकारियों के बचाव की जरूरत और कार्यपालिका के मनोबल को बनाए रखने की हमारी प्रतिबद्धता पर जोर देना चाहूंगा।’ प्रधानमंत्री ने संभवत: विपक्षी पार्टियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से लगातार उठाये जा रहे भ्रष्टाचार के मुद्दों की ओर इशारा करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नकारात्मक और निराशावाद का माहौल बनाये जाने से हमें कोई फायदा नहीं हो सकता। इससे सिर्फ देश की छवि खराब होगी और कार्यपालिका का मनोबल गिरेगा। उन्होंने जांच एजेंसियों को भ्रष्टाचार के नए तरीकों का सामना करने के लिए अपने कौशल में लगातार सुधार करने को कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि भ्रष्टों पर निरंतर नजर रखी जाए और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जाएं, जबकि बेकसूरों को परेशान नहीं किया जाए।
उन्होंने सीबीआई और भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों को विशेषज्ञों की सेवाएं लेने को कहा, जो उन्हें पेचीदा मामलों में निष्पक्ष जांच करने में सहायता कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराधों को ध्यान में रखकर स्थापित किए गए संस्थानों का दायरा और अधिक होना चाहिए। (एजेंसी)

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