पृथक तेलंगाना पर कांग्रेस में इस्तीफों की बरसात, पार्टी में हड़कंप

पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले को लेकर कांग्रेस के भीतर ही हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। पार्टी के आंध्र तथा रायलसीमा क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाले 7 सांसदों, एक राज्य मंत्री तथा 7 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली/हैदराबाद : पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले को लेकर कांग्रेस के भीतर ही हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। कांग्रेस खेमे में इस्तीफों को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। पार्टी के आंध्र तथा रायलसीमा क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाले 7 सांसदों, एक राज्य मंत्री तथा 8 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। कुछ और नेता इस सूची में शामिल हो सकते हैं। आंध्र से चार केंद्रीय मंत्रियों ने भी दिग्विजय से मुलाकात कर इस्तीफे की पेशकश की है। हालांकि पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने उनसे ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया है।
एआईसीसी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री एम. पल्लम राजू, डी. पुरंदेश्वरी, के. कृपरानी, जे.सूर्या प्रकाश रेड्डी और सीमांध्र से आने वाले जे.डी.सीलम ने सिंह से मुलाकात की और तटीय आंध्र एवं रायलसीमा क्षेत्र के लोगों की पीड़ा और जनाक्रोश के मद्देनजर अपने इस्तीफे की पेशकश की। इस विज्ञप्ति में बताया गया कि उन्होंने इन दोनों क्षेत्रों के लोगों और नेताओं के साथ चर्चा किए बिना ही लिए गए राज्य के बटवारे के फैसले को लेकर लोगों की पीड़ा से सिंह को अवगत कराया।
इसके साथ ही इसमें कहा गया कि इस मुलाकात के दौरान प्रस्तावित नई राजधानी हैदराबाद, जल बटवारे, किसानों की चिंता, छात्र एवं कर्मचारियों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। आंध्र प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी सिंह ने सभी सांसदों, विधायकों, विधानपाषर्दों और दूसरी पार्टी के नेताओं से इस्तीफा देने की बजाय संसद और विधानसभा में इस मामले को प्रभावी ढंग उठाने का अनुरोध किया।
कांग्रेस की ओर से शुक्रवार रात जारी विज्ञप्ति में बताया गया, ‘सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ चर्चा के बाद पार्टी की एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का भी सुझाव दिया, जो तेलंगाना गठन की वैधानिक कार्रवाई शुरू होने से पहले इस असंतुलन को दूर करने के लिए सीमांध्र के नेताओं के साथ नियमित रूप से बातचीत करेगी।
इस्तीफा सौंपने वाले लोकसभा के सात सदस्यों में एल. राजगोपाल, यू. अरुण कुमार, हर्ष कुमार, अनंत वेंकटरामी रेड्डी, साई प्रताप, एस. पी. वाई. रेड्डी और एम. श्रीनिवासुलू रेड्डी शामिल हैं। इसके अलावा राज्यसभा सदस्य के. वी. पी. रामचंद्र राव ने भी इस्तीफा दिया है। संसद के केंद्रीय कक्ष में बैठक करने के बाद सांसदों ने अपना इस्तीफा लोकसभा और राज्यसभा के महासचिवों को सौंप दिया।
हर्ष कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सीमांध्रा के लोगों और विभाजन का विरोध करने वालों का साथ देने का फैसला किया है। उधर, हैदराबाद में राज्य के दो मंत्रियों पी. विश्वरूप और महिधर रेड्डी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही इस मुद्दे पर इस्तीफा देने वाले मंत्रियों की संख्या पांच हो गई है। तीन मंत्री गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान इस्तीफा सौंप चुके हैं।
कांग्रेस और मुख्य विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के 10 और विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंपा है। अभी तक 60 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इस्तीफा देने वालों में डी. सत्यनारायण भी शामिल हैं, जिन्होंने सरकार के सचेतक पद से भी इस्तीफा सौंप दिया है।

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