सियोल/नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 26-27 मार्च को आयोजित परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को यहां पहुंच गए। शिखर सम्मेलन से पहले वह 24-25 को दक्षिण कोरिया के आधिकारिक दौरे पर होंगे।
मनमोहन सिंह, दुनिया के 57 नेताओं के साथ परमाणु शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शामिल हो रहे हैं। दुनिया के नेता परमाणु आतंकवाद से पैदा हो रहे वैश्विक खतरे और संवेदनशील परमाणु सामग्रियों व प्रौद्योगिकी तक आतंकवादियों को पहुंचने से रोकने के लिए जरूरी उपायों पर इस सम्मेलन में चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री इस दौरे में परमाणु सुरक्षा शिखर वार्ता में भाग लेने के अलावा दक्षिण कोरिया के साथ रिश्ते और मजबूत करने का प्रयास करेंगे। सियोल की अपनी यात्रा के दौरान मनमोहन का रविवार को राष्ट्रपति ली म्युंग बक के साथ बातचीत करने का भी कार्यक्रम है। भारत के किसी प्रधानमंत्री द्वारा दक्षिण कोरिया की यह दूसरी आधिकारिक यात्रा है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव 1993 में इस देश की यात्रा पर गये थे। दोनों देश वीजा जारी करने संबंधी नियमों को सरल बनाने संबंधी एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके अलावा मनमोहन और ली एक संयुक्त बयान भी जारी करेंगे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क बढाने, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने और क्षेत्रीय सुरक्षा तथा अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों से संबंधित मामलों में विचार साझा करेंगे। मनमोहन का सोमवार को सुबह दक्षिण कोरियाई कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ बैठक का भी कार्यक्रम है।
सोमवार शाम को मनमोहन द्वितीय परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शामिल होने आए नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में शामिल होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और 57 अन्य नेता 2010 में वाशिंगटन में आयोजित प्रथम परमाणु शिखर सम्मेलन के बाद से हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे।
शिखर सम्मेलन का मुख्य एजेंडा परमाणु सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाना और आतंकवादियों के परमाणु हथियारों तक पहुंचने को रोकने के लिए कदम उठाना होगा। (एजेंसी)